Pṛthvīrāja rāsō. Sampādaka: Kavirāva Mōhanasiṃha. [Prathama samskaraṇa], Volume 4Sāhitya Saṃstthāna, 1954 |
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... चंद || २३३ || शब्दार्थ : - - वहु = वह । बर = श्रेष्ठ | सथ्थ = साथ में । अर्थ : - हे नरेन्द्र ! वह बंदीजन ( चन्द ) श्रेष्ठ आडम्बर युक्त है और ...
... चंद || २३३ || शब्दार्थ : - - वहु = वह । बर = श्रेष्ठ | सथ्थ = साथ में । अर्थ : - हे नरेन्द्र ! वह बंदीजन ( चन्द ) श्रेष्ठ आडम्बर युक्त है और ...
Page 679
... चंद सत्यवक्ता था , इसीलिये जयचंद ने ऐसा प्रण किया । कवित्त बत्तीसह लच्छिनह . बरस छत्तीस मास छह । इम " दुज्जन संप्रहत , राह जिम चंद सूर ...
... चंद सत्यवक्ता था , इसीलिये जयचंद ने ऐसा प्रण किया । कवित्त बत्तीसह लच्छिनह . बरस छत्तीस मास छह । इम " दुज्जन संप्रहत , राह जिम चंद सूर ...
Page 608
... चंद की आन , सुइ करिय पैज बरदाइ भनि , उच्चरै , पुण्डीरु धीरु इम ... चंद ने कहा । संभरधनी संभरेश्वर पृथ्वीराज | उवारिहौं = बचा लूँगा ...
... चंद की आन , सुइ करिय पैज बरदाइ भनि , उच्चरै , पुण्डीरु धीरु इम ... चंद ने कहा । संभरधनी संभरेश्वर पृथ्वीराज | उवारिहौं = बचा लूँगा ...
Common terms and phrases
अपनी अपने अर्थ अर्थः आप इस इस प्रकार उस उस समय उसका उसकी उसके उसने उसी उसे एक ऐसा और कन्नौज कर करके करता करना करने करि कवि कवित्त कहने कहा का कारण किन्तु किया की की ओर के लिए के लिये के समान के साथ को गई गये घर चंद जाने जिससे जो तक तथा तब तुम तुल्य तो था थी थे दल दिन दिया दिल्ली देख देव दोनों दोहा द्वारा धीर नहीं ने पंगुराज पति पर पा० पुण्डीर पुत्र पृथ्वी पृथ्वीराज के प्राप्त बर बात भर भी मन मुख में मैं यह या युद्ध में रस रहा राज राजस्थान राजा के रूप लगा लगी लगे लिया वर वह वाला वाले वीर वीरों वे शत्रु शब्दार्थ शरीर शाह शिव संयोगिता सब समर सामंत सिर सु सूर्य से सेना स्थान स्वामी हाथ हाथी ही हुआ हुई हुए हे है है कि हैं हो गया होकर होता होने