Pṛthvīrāja rāsō. Sampādaka: Kavirāva Mōhanasiṃha. [Prathama samskaraṇa], Volume 4Sāhitya Saṃstthāna, 1954 |
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... द्वारा प्राप्त हुई , सं ; १६३० की लिखी हुई , महाराज अगर जी के पठनार्थ । ( ११ ) झाड़ोलराज श्री कुबेरसिंहजी के द्वारा भी काशी नागरी ...
... द्वारा प्राप्त हुई , सं ; १६३० की लिखी हुई , महाराज अगर जी के पठनार्थ । ( ११ ) झाड़ोलराज श्री कुबेरसिंहजी के द्वारा भी काशी नागरी ...
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... द्वारा या छद्म मार्ग द्वारा वाध्य करके गुप्त रूप से यहाँ ले आऊँगी । यह कह कर वह प्रसिद्ध - पटु - सुन्दरी राजा ( पृथ्वीराज ) के पास ...
... द्वारा या छद्म मार्ग द्वारा वाध्य करके गुप्त रूप से यहाँ ले आऊँगी । यह कह कर वह प्रसिद्ध - पटु - सुन्दरी राजा ( पृथ्वीराज ) के पास ...
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... द्वारा जिसके पैर , कवि के चित्त द्वारा जिसका वेग , चाप द्वारा जिसकी ( लचकोलो ) पीठ , मक्खन द्वारा जिसकी कोमल रोमावलि , चामर द्वारा ...
... द्वारा जिसके पैर , कवि के चित्त द्वारा जिसका वेग , चाप द्वारा जिसकी ( लचकोलो ) पीठ , मक्खन द्वारा जिसकी कोमल रोमावलि , चामर द्वारा ...
Common terms and phrases
अपनी अपने अर्थ अर्थः आप इस इस प्रकार उस उस समय उसका उसकी उसके उसने उसी उसे एक ऐसा और कन्नौज कर करके करता करना करने करि कवि कवित्त कहने कहा का कारण किन्तु किया की की ओर के लिए के लिये के समान के साथ को गई गये घर चंद जाने जिससे जो तक तथा तब तुम तुल्य तो था थी थे दल दिन दिया दिल्ली देख देव दोनों दोहा द्वारा धीर नहीं ने पंगुराज पति पर पा० पुण्डीर पुत्र पृथ्वी पृथ्वीराज के प्राप्त बर बात भर भी मन मुख में मैं यह या युद्ध में रस रहा राज राजस्थान राजा के रूप लगा लगी लगे लिया वर वह वाला वाले वीर वीरों वे शत्रु शब्दार्थ शरीर शाह शिव संयोगिता सब समर सामंत सिर सु सूर्य से सेना स्थान स्वामी हाथ हाथी ही हुआ हुई हुए हे है है कि हैं हो गया होकर होता होने