Pṛthvīrāja rāsō. Sampādaka: Kavirāva Mōhanasiṃha. [Prathama samskaraṇa], Volume 4Sāhitya Saṃstthāna, 1954 |
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... पति को बांधकर छोड़ दिया था , किन्तु देवेच्छा के कारण वही राजा अपने वीर सामन्तों सहित कन्नौज पति के यज्ञ को कुचल देने के लिये ( बिना ...
... पति को बांधकर छोड़ दिया था , किन्तु देवेच्छा के कारण वही राजा अपने वीर सामन्तों सहित कन्नौज पति के यज्ञ को कुचल देने के लिये ( बिना ...
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... पति । विट्ठे सुचित्त चिंता सुचित , विरद लज्ज लग्गी सु श्रुति ॥ ६६ ॥ शब्दार्थ : -इक्क = एक | महूरत = मुहूर्त । सव्व = सब | संबोध = संबोधन ...
... पति । विट्ठे सुचित्त चिंता सुचित , विरद लज्ज लग्गी सु श्रुति ॥ ६६ ॥ शब्दार्थ : -इक्क = एक | महूरत = मुहूर्त । सव्व = सब | संबोध = संबोधन ...
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... पति ही गुरु , तन्त्र - मन्त्र और संसार सागर से तारने को नौका के समान है । रात्रि को जैसे चन्द्रमा प्यारा है उसी प्रकार स्त्री को ...
... पति ही गुरु , तन्त्र - मन्त्र और संसार सागर से तारने को नौका के समान है । रात्रि को जैसे चन्द्रमा प्यारा है उसी प्रकार स्त्री को ...
Common terms and phrases
अपनी अपने अर्थ अर्थः आप इस इस प्रकार उस उस समय उसका उसकी उसके उसने उसी उसे एक ऐसा और कन्नौज कर करके करता करना करने करि कवि कवित्त कहने कहा का कारण किन्तु किया की की ओर के लिए के लिये के समान के साथ को गई गये घर चंद जाने जिससे जो तक तथा तब तुम तुल्य तो था थी थे दल दिन दिया दिल्ली देख देव दोनों दोहा द्वारा धीर नहीं ने पंगुराज पति पर पा० पुण्डीर पुत्र पृथ्वी पृथ्वीराज के प्राप्त बर बात भर भी मन मुख में मैं यह या युद्ध में रस रहा राज राजस्थान राजा के रूप लगा लगी लगे लिया वर वह वाला वाले वीर वीरों वे शत्रु शब्दार्थ शरीर शाह शिव संयोगिता सब समर सामंत सिर सु सूर्य से सेना स्थान स्वामी हाथ हाथी ही हुआ हुई हुए हे है है कि हैं हो गया होकर होता होने