Pṛthvīrāja rāsō. Sampādaka: Kavirāva Mōhanasiṃha. [Prathama samskaraṇa], Volume 4Sāhitya Saṃstthāna, 1954 |
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... पाठ पढ़ा , धर्म नीति रस का प्रवाह तुझसे बहा ... १ ॥ सहृदय विद्वान जिन्होंने रासो का गहन ... १ - राजस्थान में बहुत समय से पूर्व ही वीर काल ...
... पाठ पढ़ा , धर्म नीति रस का प्रवाह तुझसे बहा ... १ ॥ सहृदय विद्वान जिन्होंने रासो का गहन ... १ - राजस्थान में बहुत समय से पूर्व ही वीर काल ...
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... पाठ 1 वाला रहा है । वे इसी को पढ़ - सुन कर वीरता को अपने हृदय कवियों के लिये भी यह ग्रन्थ पाठ्य पुस्तक के वे अपने आप में वीर भाव जागृत ...
... पाठ 1 वाला रहा है । वे इसी को पढ़ - सुन कर वीरता को अपने हृदय कवियों के लिये भी यह ग्रन्थ पाठ्य पुस्तक के वे अपने आप में वीर भाव जागृत ...
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... पाठ " ग्यारह से सेंसत्त , पंच पंचास अधि कतर ... १ ९ ५८ जिसमें कमी के ६१ वर्ष जोड़ने पर वि ० ... पाठ गृहण किये हैं ; उससे अ ० सं ० १ ९ ६२ और वि ...
... पाठ " ग्यारह से सेंसत्त , पंच पंचास अधि कतर ... १ ९ ५८ जिसमें कमी के ६१ वर्ष जोड़ने पर वि ० ... पाठ गृहण किये हैं ; उससे अ ० सं ० १ ९ ६२ और वि ...
Common terms and phrases
अपनी अपने अर्थ अर्थः आप इस इस प्रकार उस उस समय उसका उसकी उसके उसने उसी उसे एक ऐसा और कन्नौज कर करके करता करना करने करि कवि कवित्त कहने कहा का कारण किन्तु किया की की ओर के लिए के लिये के समान के साथ को गई गये घर चंद जाने जिससे जो तक तथा तब तुम तुल्य तो था थी थे दल दिन दिया दिल्ली देख देव दोनों दोहा द्वारा धीर नहीं ने पंगुराज पति पर पा० पुण्डीर पुत्र पृथ्वी पृथ्वीराज के प्राप्त बर बात भर भी मन मुख में मैं यह या युद्ध में रस रहा राज राजस्थान राजा के रूप लगा लगी लगे लिया वर वह वाला वाले वीर वीरों वे शत्रु शब्दार्थ शरीर शाह शिव संयोगिता सब समर सामंत सिर सु सूर्य से सेना स्थान स्वामी हाथ हाथी ही हुआ हुई हुए हे है है कि हैं हो गया होकर होता होने