Pṛthvīrāja rāsō. Sampādaka: Kavirāva Mōhanasiṃha. [Prathama samskaraṇa], Volume 4Sāhitya Saṃstthāna, 1954 |
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... राजस्थान विश्व विद्यापीठ ( तत्कालीन हिन्दी विद्यापीठ ) उदयपुर ने इस आवश्यकता को अनिवार्य समझकर वि ० सं ० १६६८ में " साहित्य संस्थान ...
... राजस्थान विश्व विद्यापीठ ( तत्कालीन हिन्दी विद्यापीठ ) उदयपुर ने इस आवश्यकता को अनिवार्य समझकर वि ० सं ० १६६८ में " साहित्य संस्थान ...
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... राजस्थान के इतिहास कार्य के लिए " ओझा श्रासन ” स्थापित है जिससे प्रतिवर्ष राजस्थान के इतिहास से संबन्धित तीन भाषण लिखित रूप से ...
... राजस्थान के इतिहास कार्य के लिए " ओझा श्रासन ” स्थापित है जिससे प्रतिवर्ष राजस्थान के इतिहास से संबन्धित तीन भाषण लिखित रूप से ...
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... राजस्थान के बिखरे हुए साहित्य को एकत्रित कर प्रकाश में लाने का नम्र किन्तु अपनी दृष्टि से महत्वपूर्ण कार्य कर रहा है । हमारे देश ...
... राजस्थान के बिखरे हुए साहित्य को एकत्रित कर प्रकाश में लाने का नम्र किन्तु अपनी दृष्टि से महत्वपूर्ण कार्य कर रहा है । हमारे देश ...
Common terms and phrases
अपनी अपने अर्थ अर्थः आप इस इस प्रकार उस उस समय उसका उसकी उसके उसने उसी उसे एक ऐसा और कन्नौज कर करके करता करना करने करि कवि कवित्त कहने कहा का कारण किन्तु किया की की ओर के लिए के लिये के समान के साथ को गई गये घर चंद जाने जिससे जो तक तथा तब तुम तुल्य तो था थी थे दल दिन दिया दिल्ली देख देव दोनों दोहा द्वारा धीर नहीं ने पंगुराज पति पर पा० पुण्डीर पुत्र पृथ्वी पृथ्वीराज के प्राप्त बर बात भर भी मन मुख में मैं यह या युद्ध में रस रहा राज राजस्थान राजा के रूप लगा लगी लगे लिया वर वह वाला वाले वीर वीरों वे शत्रु शब्दार्थ शरीर शाह शिव संयोगिता सब समर सामंत सिर सु सूर्य से सेना स्थान स्वामी हाथ हाथी ही हुआ हुई हुए हे है है कि हैं हो गया होकर होता होने