Pṛthvīrāja rāsō. Sampādaka: Kavirāva Mōhanasiṃha. [Prathama samskaraṇa], Volume 4Sāhitya Saṃstthāna, 1954 |
From inside the book
Results 1-3 of 87
Page 486
... राजा के सामने एक कठिन समस्या उपस्थित हो गई - क्या वह पुनः वर्ष भर रनिवास में ही बिताए ? यदि नहीं तो वह अपने प्रणय- लुब्ध मन को कैसे ...
... राजा के सामने एक कठिन समस्या उपस्थित हो गई - क्या वह पुनः वर्ष भर रनिवास में ही बिताए ? यदि नहीं तो वह अपने प्रणय- लुब्ध मन को कैसे ...
Page 769
... राजा ने यह कार्य किया है इसे मैं पहले नहीं जान सका था । कैमास की मृत्यु के बाद जो मंत्रणा हुई और जिसे राजा के अन्य सेवक भी नहीं जान ...
... राजा ने यह कार्य किया है इसे मैं पहले नहीं जान सका था । कैमास की मृत्यु के बाद जो मंत्रणा हुई और जिसे राजा के अन्य सेवक भी नहीं जान ...
Page 668
... राजा का निस्तेज होना , रानियों में परस्पर विरोध छाना , काल स्वरूपी हाथी का गर्जना , दानव स्वरूपी शहाबुद्दीन द्वारा राजा का दबाया ...
... राजा का निस्तेज होना , रानियों में परस्पर विरोध छाना , काल स्वरूपी हाथी का गर्जना , दानव स्वरूपी शहाबुद्दीन द्वारा राजा का दबाया ...
Common terms and phrases
अपनी अपने अर्थ अर्थः आप इस इस प्रकार उस उस समय उसका उसकी उसके उसने उसी उसे एक ऐसा और कन्नौज कर करके करता करना करने करि कवि कवित्त कहने कहा का कारण किन्तु किया की की ओर के लिए के लिये के समान के साथ को गई गये घर चंद जाने जिससे जो तक तथा तब तुम तुल्य तो था थी थे दल दिन दिया दिल्ली देख देव दोनों दोहा द्वारा धीर नहीं ने पंगुराज पति पर पा० पुण्डीर पुत्र पृथ्वी पृथ्वीराज के प्राप्त बर बात भर भी मन मुख में मैं यह या युद्ध में रस रहा राज राजस्थान राजा के रूप लगा लगी लगे लिया वर वह वाला वाले वीर वीरों वे शत्रु शब्दार्थ शरीर शाह शिव संयोगिता सब समर सामंत सिर सु सूर्य से सेना स्थान स्वामी हाथ हाथी ही हुआ हुई हुए हे है है कि हैं हो गया होकर होता होने