Pṛthvīrāja rāsō. Sampādaka: Kavirāva Mōhanasiṃha. [Prathama samskaraṇa], Volume 4Sāhitya Saṃstthāna, 1954 |
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... वह हँसता हुआ आगे बढ़ता गया । जैसे २ उसकी आँते बिखरती गई , वैसे २ ही वह लाखों की संख्या वाली सेना को तृण तुल्य समझने लगा । जैसे २ उसके ...
... वह हँसता हुआ आगे बढ़ता गया । जैसे २ उसकी आँते बिखरती गई , वैसे २ ही वह लाखों की संख्या वाली सेना को तृण तुल्य समझने लगा । जैसे २ उसके ...
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... वह वह वह भग्गुल धनी || ६२२ || । । 1 शब्दार्थः — कलन = फँसाने को । कल्यौ = फँसा । श्रसियन मिल्यौ = तलवारों से तलवार मिलाई । मग्गौ = मागा ...
... वह वह वह भग्गुल धनी || ६२२ || । । 1 शब्दार्थः — कलन = फँसाने को । कल्यौ = फँसा । श्रसियन मिल्यौ = तलवारों से तलवार मिलाई । मग्गौ = मागा ...
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... वह सपक्ष बाण शत्रु के लगा तब वह गिरता हुआ ऐसा दिखाई दिया मानों उसके प्राण पखेरू पहले से ही नहीं थे । पृथ्वीराज का वह पहला ( एक ) ही शर ...
... वह सपक्ष बाण शत्रु के लगा तब वह गिरता हुआ ऐसा दिखाई दिया मानों उसके प्राण पखेरू पहले से ही नहीं थे । पृथ्वीराज का वह पहला ( एक ) ही शर ...
Common terms and phrases
अपनी अपने अर्थ अर्थः आप इस इस प्रकार उस उस समय उसका उसकी उसके उसने उसी उसे एक ऐसा और कन्नौज कर करके करता करना करने करि कवि कवित्त कहने कहा का कारण किन्तु किया की की ओर के लिए के लिये के समान के साथ को गई गये घर चंद जाने जिससे जो तक तथा तब तुम तुल्य तो था थी थे दल दिन दिया दिल्ली देख देव दोनों दोहा द्वारा धीर नहीं ने पंगुराज पति पर पा० पुण्डीर पुत्र पृथ्वी पृथ्वीराज के प्राप्त बर बात भर भी मन मुख में मैं यह या युद्ध में रस रहा राज राजस्थान राजा के रूप लगा लगी लगे लिया वर वह वाला वाले वीर वीरों वे शत्रु शब्दार्थ शरीर शाह शिव संयोगिता सब समर सामंत सिर सु सूर्य से सेना स्थान स्वामी हाथ हाथी ही हुआ हुई हुए हे है है कि हैं हो गया होकर होता होने