Pṛthvīrāja rāsō. Sampādaka: Kavirāva Mōhanasiṃha. [Prathama samskaraṇa], Volume 4Sāhitya Saṃstthāna, 1954 |
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Page 853
... शिव का स्मरण किया । त्योंही शिव ! शिव !! शिव लज्जित हो गये । ( शिव इसलिये कनवज्ज ८५३.
... शिव का स्मरण किया । त्योंही शिव ! शिव !! शिव लज्जित हो गये । ( शिव इसलिये कनवज्ज ८५३.
Page 669
... ( शिव ) की । मयमोत । तिहि = उन जुगिन्द = योगीन्द , शिव । अर्थ : - वीर भद्र ने । तनु = तन | तिनु = ॠण | मुक्कयो = पुक्कार = पुकार , सूचना । भैमीत ...
... ( शिव ) की । मयमोत । तिहि = उन जुगिन्द = योगीन्द , शिव । अर्थ : - वीर भद्र ने । तनु = तन | तिनु = ॠण | मुक्कयो = पुक्कार = पुकार , सूचना । भैमीत ...
Page 735
... शिव । दिय भेट = भेट किये श्रथि = माथि , मस्तक । = 1 सुब्बेर = सुबेर अर्थः- - जालपादेवी के स्थान पर शिव आये और वहीं पर बलवान वीरभद्र गण ...
... शिव । दिय भेट = भेट किये श्रथि = माथि , मस्तक । = 1 सुब्बेर = सुबेर अर्थः- - जालपादेवी के स्थान पर शिव आये और वहीं पर बलवान वीरभद्र गण ...
Common terms and phrases
अपनी अपने अर्थ अर्थः आप इस इस प्रकार उस उस समय उसका उसकी उसके उसने उसी उसे एक ऐसा और कन्नौज कर करके करता करना करने करि कवि कवित्त कहने कहा का कारण किन्तु किया की की ओर के लिए के लिये के समान के साथ को गई गये घर चंद जाने जिससे जो तक तथा तब तुम तुल्य तो था थी थे दल दिन दिया दिल्ली देख देव दोनों दोहा द्वारा धीर नहीं ने पंगुराज पति पर पा० पुण्डीर पुत्र पृथ्वी पृथ्वीराज के प्राप्त बर बात भर भी मन मुख में मैं यह या युद्ध में रस रहा राज राजस्थान राजा के रूप लगा लगी लगे लिया वर वह वाला वाले वीर वीरों वे शत्रु शब्दार्थ शरीर शाह शिव संयोगिता सब समर सामंत सिर सु सूर्य से सेना स्थान स्वामी हाथ हाथी ही हुआ हुई हुए हे है है कि हैं हो गया होकर होता होने