Pṛthvīrāja rāsō. Sampādaka: Kavirāva Mōhanasiṃha. [Prathama samskaraṇa], Volume 4Sāhitya Saṃstthāna, 1954 |
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... सु नंद संभरि सु पहु , चढ़ि क्रम्यौ लय- मग्ग | हर हर सुर उच्चार मुख , उर आराधन लग्ग ॥ ७७ ॥ शब्दार्थः – करि – सु नंद = प्रसन्नता प्रगट करता ...
... सु नंद संभरि सु पहु , चढ़ि क्रम्यौ लय- मग्ग | हर हर सुर उच्चार मुख , उर आराधन लग्ग ॥ ७७ ॥ शब्दार्थः – करि – सु नंद = प्रसन्नता प्रगट करता ...
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... सु रत्त । दिय दरिद्र मंगन घरहु , को मेटे विधिपत्त || २५६ ... सु हद्द | लग्गिन बुंद सु मग्ग तन , सिर पर छत्र दरिह || २६० || शब्दार्थ : -रतन ...
... सु रत्त । दिय दरिद्र मंगन घरहु , को मेटे विधिपत्त || २५६ ... सु हद्द | लग्गिन बुंद सु मग्ग तन , सिर पर छत्र दरिह || २६० || शब्दार्थ : -रतन ...
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... सु रौद्र रस । रा असोक साहनी , सहस सन्या सु श्रट्ठ तस ॥ स्वामित्त धम्म रत्तौ सु रह , करें प्रीति रा पंग तसि । लख्यौ सु जाइ चहुआन दिन ...
... सु रौद्र रस । रा असोक साहनी , सहस सन्या सु श्रट्ठ तस ॥ स्वामित्त धम्म रत्तौ सु रह , करें प्रीति रा पंग तसि । लख्यौ सु जाइ चहुआन दिन ...
Common terms and phrases
अपनी अपने अर्थ अर्थः आप इस इस प्रकार उस उस समय उसका उसकी उसके उसने उसी उसे एक ऐसा और कन्नौज कर करके करता करना करने करि कवि कवित्त कहने कहा का कारण किन्तु किया की की ओर के लिए के लिये के समान के साथ को गई गये घर चंद जाने जिससे जो तक तथा तब तुम तुल्य तो था थी थे दल दिन दिया दिल्ली देख देव दोनों दोहा द्वारा धीर नहीं ने पंगुराज पति पर पा० पुण्डीर पुत्र पृथ्वी पृथ्वीराज के प्राप्त बर बात भर भी मन मुख में मैं यह या युद्ध में रस रहा राज राजस्थान राजा के रूप लगा लगी लगे लिया वर वह वाला वाले वीर वीरों वे शत्रु शब्दार्थ शरीर शाह शिव संयोगिता सब समर सामंत सिर सु सूर्य से सेना स्थान स्वामी हाथ हाथी ही हुआ हुई हुए हे है है कि हैं हो गया होकर होता होने