Pṛthvīrāja rāsō. Sampādaka: Kavirāva Mōhanasiṃha. [Prathama samskaraṇa], Volume 4Sāhitya Saṃstthāna, 1954 |
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... हाथी - समूह को देखकर बढ़ता है । निकट आते ही भाले से युद्ध प्रारंभ किया , तत्पश्चात् दृढ़ता पूर्वक कटार पकड़ कर जोर से वार किया , इसके ...
... हाथी - समूह को देखकर बढ़ता है । निकट आते ही भाले से युद्ध प्रारंभ किया , तत्पश्चात् दृढ़ता पूर्वक कटार पकड़ कर जोर से वार किया , इसके ...
Page 620
... हाथी धीर पर बढ़ाया किन्तु धन्य है उस धीर पुण्डीर को , जिसने शाह के सामने तलवार उठाई , जिसके एक ही वार से हाथी के दंतूसल और भ्रसुड के ...
... हाथी धीर पर बढ़ाया किन्तु धन्य है उस धीर पुण्डीर को , जिसने शाह के सामने तलवार उठाई , जिसके एक ही वार से हाथी के दंतूसल और भ्रसुड के ...
Page 768
... हाथी । दंति = हाथी । गावहि = गाबड़ी , ग्रीत्रा , गर्दन | उप्पर करन = सहायता करने को | सिंह समर = युद्ध में सिंह तुल्य | रंग = विनोद , क्रीड़ ...
... हाथी । दंति = हाथी । गावहि = गाबड़ी , ग्रीत्रा , गर्दन | उप्पर करन = सहायता करने को | सिंह समर = युद्ध में सिंह तुल्य | रंग = विनोद , क्रीड़ ...
Common terms and phrases
अपनी अपने अर्थ अर्थः आप इस इस प्रकार उस उस समय उसका उसकी उसके उसने उसी उसे एक ऐसा और कन्नौज कर करके करता करना करने करि कवि कवित्त कहने कहा का कारण किन्तु किया की की ओर के लिए के लिये के समान के साथ को गई गये घर चंद जाने जिससे जो तक तथा तब तुम तुल्य तो था थी थे दल दिन दिया दिल्ली देख देव दोनों दोहा द्वारा धीर नहीं ने पंगुराज पति पर पा० पुण्डीर पुत्र पृथ्वी पृथ्वीराज के प्राप्त बर बात भर भी मन मुख में मैं यह या युद्ध में रस रहा राज राजस्थान राजा के रूप लगा लगी लगे लिया वर वह वाला वाले वीर वीरों वे शत्रु शब्दार्थ शरीर शाह शिव संयोगिता सब समर सामंत सिर सु सूर्य से सेना स्थान स्वामी हाथ हाथी ही हुआ हुई हुए हे है है कि हैं हो गया होकर होता होने