Pṛthvīrāja rāsō. Sampādaka: Kavirāva Mōhanasiṃha. [Prathama samskaraṇa], Volume 4Sāhitya Saṃstthāna, 1954 |
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... हुई जो १७ वीं शताब्दी की हैं । ( १० ) गलूएड़ ( मेवाड़ ) वाली प्रति बही - बंचा ( नामावली लिखने वाले स्व ० दयाराम के वंशज ) द्वारा प्राप्त हुई ...
... हुई जो १७ वीं शताब्दी की हैं । ( १० ) गलूएड़ ( मेवाड़ ) वाली प्रति बही - बंचा ( नामावली लिखने वाले स्व ० दयाराम के वंशज ) द्वारा प्राप्त हुई ...
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... हुई , शोर करती हुई । मख्खन = मक्षणार्थ | गज बाजित्र = हाथियों पर कसी हुई नौबतें । श्रनी = सेना | मुख फुट्टयौ = मुख से उच्चारण हुआ । हलहलत ...
... हुई , शोर करती हुई । मख्खन = मक्षणार्थ | गज बाजित्र = हाथियों पर कसी हुई नौबतें । श्रनी = सेना | मुख फुट्टयौ = मुख से उच्चारण हुआ । हलहलत ...
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... थी हुई वेणी | श्रव - लंकिय = थाई हुई कमर तक , कमर तक लटकती हुई । निज = अपने । सद्दह शब्द | धरनी- धरिय = पृथ्वी को भूल गया है । = अर्थ : चैत्र ...
... थी हुई वेणी | श्रव - लंकिय = थाई हुई कमर तक , कमर तक लटकती हुई । निज = अपने । सद्दह शब्द | धरनी- धरिय = पृथ्वी को भूल गया है । = अर्थ : चैत्र ...
Common terms and phrases
अपनी अपने अर्थ अर्थः आप इस इस प्रकार उस उस समय उसका उसकी उसके उसने उसी उसे एक ऐसा और कन्नौज कर करके करता करना करने करि कवि कवित्त कहने कहा का कारण किन्तु किया की की ओर के लिए के लिये के समान के साथ को गई गये घर चंद जाने जिससे जो तक तथा तब तुम तुल्य तो था थी थे दल दिन दिया दिल्ली देख देव दोनों दोहा द्वारा धीर नहीं ने पंगुराज पति पर पा० पुण्डीर पुत्र पृथ्वी पृथ्वीराज के प्राप्त बर बात भर भी मन मुख में मैं यह या युद्ध में रस रहा राज राजस्थान राजा के रूप लगा लगी लगे लिया वर वह वाला वाले वीर वीरों वे शत्रु शब्दार्थ शरीर शाह शिव संयोगिता सब समर सामंत सिर सु सूर्य से सेना स्थान स्वामी हाथ हाथी ही हुआ हुई हुए हे है है कि हैं हो गया होकर होता होने