PRALAP (प्रलाप)

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Vandna Tete
Pyara Kerketta Foundation, Jan 31, 2017 - Hindi poetry - 144 pages
1935 में प्रकाशित भारत की पहली हिंदी आदिवासी कवयित्री सुशीला सामद का पहला काव्य संग्रह.
 

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About the author (2017)

सुशीला सामद हिंदी की पहली पुरखा महिला आदिवासी कवयित्री, संपादक और सुराजी स्वतंत्राता सेनानी हैं. 1930 के दशक में आप चाईबासा, झारखंड से न सिर्फ हिंदी की साहित्यिक पत्रिका निकालती थीं बल्कि स्वतंत्राता संग्राम में महिला मचान पर नेतृत्वकारी भूमिका में भी मौजूद थीं.

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