Bhartiya Kala |
Contents
Section 1 | iii |
Section 2 | iv |
Section 3 | vii |
Section 4 | xi |
Section 5 | 19 |
Section 6 | 37 |
Section 7 | 53 |
Section 8 | 75 |
Section 12 | 136 |
Section 13 | 174 |
Section 14 | 179 |
Section 15 | 193 |
Section 16 | 210 |
Section 17 | 215 |
Section 18 | 220 |
Section 19 | 228 |
Section 9 | 109 |
Section 10 | 110 |
Section 11 | 125 |
Section 20 | 239 |
Section 21 | 258 |
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Common terms and phrases
अंकित अथवा अध्याय अन्य अपने अशोक आकृति सं० आदि इन इस इस प्रकार इसका इसकी इसके इसमें इसी ई० उड़ीसा उत्कीर्ण उत्तर उदाहरण उनके उल्लेखनीय उसके ऊपर एक एवं और कर करता करते कला कहा गया है का का उल्लेख काल किया गया किये की के अनुसार के कारण के निर्माण के रूप में के साथ को कौटिल्य गयी गये गर्भगृह चित्र जा जाता था जाती जिसमें जो तक तथा तीन था थी थीं थे दिया दी देवालय दो दोनों द्वारा नगर नहीं नाम निर्मित ने पर पुर पृष्ठ प्रतिमा प्रथम प्रदर्शित प्राचीन प्राप्य है फीट बुद्ध भाग में भारत भारतीय भी भुवनेश्वर मण्डप मन्दिर मन्दिर के मन्दिरों महाभारत मिलता है में भी यह यहाँ ये रथ रामायण लेख वर्णन वर्तमान वाराणसी वास्तु विष्णु वे वैदिक शब्द शिखर शिव शैली संख्या समय सारनाथ से स्तम्भ स्तम्भों स्तूप स्थापत्य स्थित स्पष्ट ही हुआ हुए है कि हैं हो होता है होने