Śrīpāda Śāstrī Hasūrakara, vyakti evaṃ abhivyakti

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Pratibhā Prakāśana, 1994 - 431 pages
Study of the works of Shripad Shastri Hasurkar, Sanskrit author.

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अकबर अनेक अपनी अपने अमृतसर आक्रमण आदि इन इन्दौर इस प्रकार इसी उनके उस उसके उसे एक एवं और औरंगजेब कर दिया कर देता है करके करता है करते हैं करना करने के लिए कवि का का वर्णन का वृत्त काव्य किया है की कुछ कृत के कारण के चरित्र के बाद के साथ को क्रमशः क्षत्रिय गद्य गया गये गुरु गुरु श्री जब तक तथा तब तो था थे दर्शन दिल्ली देते हैं द्वारा धर्म नहीं नाम नामक ने पं० श्रीपाद शास्त्री पर पिता पुत्र पृथ्वीराज पृष्ठ प्रकरण में प्रतापसिंह प्रथम प्रदान प्रयोग प्राप्त भाषा भी महाराष्ट्र मुगल में भी मेवाड़ यथा यवन यह युद्ध ये रचना रस राजा राज्य लक्ष्मण लिया लेखक वर्णन है वर्णित है वह वही वाराणसी वीर वृत्त वे शिवराज शिवाजी श्री श्रीपाद शास्त्री हसूरकर संस्कृत सभी समय साहित्य से स्वरूप स्वामी ही हुआ हुई है कि है तथा होकर होता है होने

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