The Journal of the Bihar Research Society, Volumes 71-73Bihar Research Society, 1987 - Folk-lore |
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... एक कुल या एक ही जाति के घरों में कामकाज करने के लिए दासियाँ रक्खी जाती थीं । विनय से यह ज्ञात होता है कि सेट्ठिपुत्त सुदिन्न के ही ...
... एक कुल या एक ही जाति के घरों में कामकाज करने के लिए दासियाँ रक्खी जाती थीं । विनय से यह ज्ञात होता है कि सेट्ठिपुत्त सुदिन्न के ही ...
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... एक दास का मूल्य लगभग एक सौ कार्षापण होने का अनुमान लगाया है । " हालांकि क्रय पर सबल , दुर्बल रूप रंग , परिस्थिति आदि का असर पड़ता होगा ...
... एक दास का मूल्य लगभग एक सौ कार्षापण होने का अनुमान लगाया है । " हालांकि क्रय पर सबल , दुर्बल रूप रंग , परिस्थिति आदि का असर पड़ता होगा ...
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... एक अन्य कहानी ' के अनुसार एक दासी को उसके स्वामी ने मजदूरी करने के लिए भेजा । दुर्भाग्यवश वह कुछ कमाकर न ला सकी । फिर क्या था । उसे घर ...
... एक अन्य कहानी ' के अनुसार एक दासी को उसके स्वामी ने मजदूरी करने के लिए भेजा । दुर्भाग्यवश वह कुछ कमाकर न ला सकी । फिर क्या था । उसे घर ...
Contents
THE BIHAR RESEARCH SOCIETY | 1 |
A Study of | 9 |
Significance of Sahasrapradayin | 23 |
3 other sections not shown