The Journal of the Bihar Research Society, Volumes 71-73Bihar Research Society, 1987 - Folk-lore |
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... से किया था । कहना न बहरहाल , प्राचीन पालि साहित्य के अनुशीलन से पता चलता है , कि चाहे दास दासियों का कर्म जो भी रहा हो , या फिर उसे जिस ...
... से किया था । कहना न बहरहाल , प्राचीन पालि साहित्य के अनुशीलन से पता चलता है , कि चाहे दास दासियों का कर्म जो भी रहा हो , या फिर उसे जिस ...
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... से मुक्ति का दीर्घ निकाय द्वारा प्रस्तुत सबसे सुगम विधान का अंत हो गया । दरअसल दास - मुक्ति का विधान एक मखोल - सा लगता है । सच तो यह ...
... से मुक्ति का दीर्घ निकाय द्वारा प्रस्तुत सबसे सुगम विधान का अंत हो गया । दरअसल दास - मुक्ति का विधान एक मखोल - सा लगता है । सच तो यह ...
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... से अलंकृत यह कन्या तुझ विष्णु को ब्रह्मलोक को जीतने की इच्छा से देता हूँ । " इस प्रकार कन्यादान के द्वारा पिता , कन्या के सम्बन्ध ...
... से अलंकृत यह कन्या तुझ विष्णु को ब्रह्मलोक को जीतने की इच्छा से देता हूँ । " इस प्रकार कन्यादान के द्वारा पिता , कन्या के सम्बन्ध ...
Contents
THE BIHAR RESEARCH SOCIETY | 1 |
A Study of | 9 |
Significance of Sahasrapradayin | 23 |
3 other sections not shown