The Journal of the Bihar Research Society, Volumes 71-73Bihar Research Society, 1987 - Folk-lore |
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... ही एक रोज यह हकीकत समझ में आ ही गई। जिंदगी की गजल लिखने के लिए जरूरी हुनर, न लफ्जों की चाहिये न ही रदीफ, काफिये और बहर की जद्दोजहद ...
... ही एक रोज यह हकीकत समझ में आ ही गई। जिंदगी की गजल लिखने के लिए जरूरी हुनर, न लफ्जों की चाहिये न ही रदीफ, काफिये और बहर की जद्दोजहद ...
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... ही है । समुद्र के जल का रंग तो एक ही होता है ( अर्थात् रंगहीन होता है ) परन्तु जल की गहराई या छिछलेपन या आकाश के परावर्तन के कारण हम ...
... ही है । समुद्र के जल का रंग तो एक ही होता है ( अर्थात् रंगहीन होता है ) परन्तु जल की गहराई या छिछलेपन या आकाश के परावर्तन के कारण हम ...
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... ही था। कल शाम को ही तो पानी भरा था। इतनी जदी पानी खराब थोड़े ही हो गया िक तुमने जग का पानी फक िदया?” जय के इतना पूछने पर सीमा बोली- “आधा जग ही ...
... ही था। कल शाम को ही तो पानी भरा था। इतनी जदी पानी खराब थोड़े ही हो गया िक तुमने जग का पानी फक िदया?” जय के इतना पूछने पर सीमा बोली- “आधा जग ही ...
Contents
THE BIHAR RESEARCH SOCIETY | 1 |
A Study of | 9 |
Significance of Sahasrapradayin | 23 |
3 other sections not shown