आयुर्वेद एवं एलोपैथी : एक तुलनात्मक विवेचन: देश की स्वास्थ्य की समस्या का वास्तविक समाधानजीवनशैली रोग जैसे ब्लड-प्रेशर, कोलेस्ट्राल, डायबिटीज, ह्रदय-रोग व थायरायड आदि का इलाज, बिना जीवनशैली ठीक किये, हानि कारक साइड-इफैक्ट यक्तु रसायनिक दवाओंके सारे जीवन निरंतर प्रयोग के माध्यम से किये जाने का आधुनि क चिकित्सा विज्ञान द्वारा दिया जाने वाला आश्वासन एक बड़े से बड़ा धोखा है तथा बहुराष्ट्रीय दवा कंपनियों द्वारा मुनाफे के लालच में फैलाया गया दुष्प्रचार है । संपूर्ण आधुनिक चिकित्सा विज्ञान एक आपदा प्रबंधन मात्र है जिसको व्यक्तिगत स्वार्थ एवं व्यापारिक उद्देश्यों की पूर्ति के लिये मानवजाति के दैनिक जीवन पर थोप दिया गया जिसके परिणामस्व रूप स्वास्थ्य के क्षेत्र में हाहाकार मच गया । विचार की बात है कि सड़क दरु्घट नाओं के इलाज के लिए अगर पर्याप्त मात्रा में ट्रामा कें द्रबन गये हैं तो क्या इसका मतलब यह है कि अब यातायात के नियमों के पालन की कोई आवश्यकता नहीं है ? अगर उच्च-तकनीक शल्य क्रियाएं उपलब्ध हो गई हैं तो क्या इसका मतलब यह है कि अब स्वास्थ्य रक्षा के नियमों के पालन की कोई आवश्यकता नहीं है ? याद रखें ! कमाण्डोस आतंकवाद का आपदा प्रबंधन मात्र है आतंकवाद की समस्या का समाधान नहीं । आतंकवाद की समस्या का समाधान तो सीमाओं की सरुक्षा है । अगर सीमाओंकी सरुक्षा ठीक हो तो कमाण्डोस की आवश्यकता ही नहीं पड़ेगी । आधनिु क चिकित्सा विज्ञान स्वास्थ्य के क्षेत्र में कमाण्डोस की तरह है और आयुर्वेद सीमा सुरक्षा बल । अगर पति -पत्नी के दैनि क झगड़ों में कमाण्डोस आयेंगे तो बरबादी के सिवा कुछ ना होगा । स्वास्थ्य के क्षेत्र में यही हुआ । |