Vedic Ganit Athva Vedon Se Prapt Solah Saral Ganiteeya Sutras

Front Cover
Motilal Banarsidass Publishe, 2002
 

Selected pages

Contents

Section 1
1
Section 2
11
Section 3
31
Section 4
43
Section 5
51
Section 6
67
Section 7
73
Section 8
77
Section 19
167
Section 20
171
Section 21
175
Section 22
181
Section 23
183
Section 24
185
Section 25
217
Section 26
231

Section 9
81
Section 10
91
Section 11
95
Section 12
111
Section 13
121
Section 14
127
Section 15
131
Section 16
143
Section 17
155
Section 18
163
Section 27
245
Section 28
257
Section 29
265
Section 30
269
Section 31
273
Section 32
277
Section 33
283
Section 34
291
Copyright

Other editions - View all

Common terms and phrases

अंकों अंश अथवा अधिक अध्याय अनुप्रयोग अब अर्थ अर्थात अवशेष आदि इत्यादि इन इस तरह इसका इसलिए क इसी उत्तर उदाहरण उनके उपयोग उसके एक और कर करते हैं करना करने के लिए का कार्य किन्तु किया किसी की कुछ के द्वारा के लिए केवल को कोई गणित गया गुणन गुणनफल गुणा चाहिए चूंकि जा सकता है जाता है तक तथा तब तो था थे दशमलव दाहिने देखते हैं दो दोनों द्वारा नहीं नहीं है ने नोट पद पर पहले प्रकार प्रक्रिया प्रचलित प्रत्येक प्रथम प्राप्त बहुत बाद भजनफल भाग भाजक भाज्य भारत भिन्न भी मन मान मिलता है में में से यदि यह यहां या योग रूप से लें वाले विधि वे वैदिक शून्य संख्या सकते हैं सभी समीकरण सरल सूत्र से स्थान हम हमें हर हल ही हुए है और है कि है तथा हो होगा होता है

Bibliographic information