Bharatiya Darshan Indian Philosophy

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Motilal Banarsidass Publishe, 2008 - 292 pages
 

Contents

Section 1
1
Section 2
23
Section 3
50
Section 4
62
Section 5
75
Section 6
98
Section 7
126
Section 8
145
Section 9
181
Section 10
197
Section 11
217
Section 12
267
Section 13
279
Section 14
286
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Common terms and phrases

अतः अथवा अनुमान अन्य अपने अर्थात् आत्मा आदि इन इस तरह इसका इसके इसी इसीलिए इसे ईश्वर उत्पन्न उनके उपनिषद् उल्लेखनीय है कि उसे एक एवं और कर करता है करते करना करने कर्म कहते हैं कहते हैं कि कहा गया है का का अर्थ कार्य किन्तु किया किसी की कुछ के अनुसार के कारण के लिए के समान केवल को कोई क्या क्योंकि गये चार्वाक जगत् जाता है जीव जैन जैसे जो ज्ञान तक तत्त्व तथा तो था थे दर्शन के दर्शन में दुःख दृष्टि दो दोनों द्वारा धर्म नहीं है ने न्याय पर पुरुष प्रकार प्रकृति प्रत्यक्ष प्रमाण बौद्ध ब्रह्म भी मनुष्य मीमांसा मुक्ति मोक्ष यदि यह यहाँ या ये रामानुज रूप में वस्तु वस्तुतः वह विचार वे वेद वेदान्त वेदों वैशेषिक शंकर शब्द शरीर सकता सत्ता सत्य सभी सांख्य सिद्धान्त से हम हमें ही हुआ हुए हेतु है और है कि हो होता है होती होने

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