Kahāniyām

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Rājakamala Prakāśana, 1995 - Hindi fiction

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Common terms and phrases

अपनी अपने अब आकर आज आदमी आप आया आयी इस उस उसकी उसके उसने उसे एक और कभी कर करके करते करने कहा कहाँ का काम कि किन्तु किया किसी की ओर की तरह की बात की माँ कुछ के पास के बाद के लिए के साथ को कोई कौन क्या क्यों गया है गयी गये गाड़ी घर चाय जब जा जाता है जाती जाने जी जो ठीक तक तब तुम तुम्हारे तो था थी थे दिन दिया दी दे देखकर देखा दो दोनों नहीं नाम ने पटना पर पहले पूछा प्रियव्रत फिर बहुत बात बाबू बार बाहर बोला बोली भी भी नहीं मन मुँह मुझे में मेरी मेरे मैं मैंने यह यहाँ या रहा है रही रात लगा लगी लिया ले लेकर लेकिन लोग लोगों वह वे शुरू सब सभी समय साड़ी साल साहब से हाथ हिरामन ही हुआ हुई हुए हूँ हैं हो गया होकर होगा

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