'दशद्वार' से 'सोपान' तकAutobiography of Harivansh Rai Bachchan (Part 4) |
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... इस समय कुछ आराम चाहिए । फिर मैं चाहूँगा कि बेटे जब बंबई में हैं तो उनकी देखरेख के लिए तेजी बंबई रहें - खासकर जब अमित गंदी अफ़वाहों के ...
... इस समय कुछ आराम चाहिए । फिर मैं चाहूँगा कि बेटे जब बंबई में हैं तो उनकी देखरेख के लिए तेजी बंबई रहें - खासकर जब अमित गंदी अफ़वाहों के ...
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... इस घर में आई हैं , टिकठी चढ़कर इस घर से जाऊँगी । बहू को घर तात्पर्य शायद यह था कि सुख - दुख , मान - अपमान किसी हालत में नहीं छोड़ना था ...
... इस घर में आई हैं , टिकठी चढ़कर इस घर से जाऊँगी । बहू को घर तात्पर्य शायद यह था कि सुख - दुख , मान - अपमान किसी हालत में नहीं छोड़ना था ...
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बच्चन. कलाकार ने इस उजाड़ खंड में कोई बड़ा काला पत्थर देखा होगा । अपनी कल्पना- कला - श्रम से उसने इस काली चट्टान को काट - तराश कर उसके ...
बच्चन. कलाकार ने इस उजाड़ खंड में कोई बड़ा काला पत्थर देखा होगा । अपनी कल्पना- कला - श्रम से उसने इस काली चट्टान को काट - तराश कर उसके ...
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