'दशद्वार' से 'सोपान' तकAutobiography of Harivansh Rai Bachchan (Part 4) |
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Page 255
इसके साथ कुछ ऐसा अपशकुन जुड़ा था कि जब - जव
उसे मैंने उठाया मुझे कोई बीमारी लग गई । कुछ
ही दिनों मैंने उसपर काम किया था कि मुझे ...
इसके साथ कुछ ऐसा अपशकुन जुड़ा था कि जब - जव
उसे मैंने उठाया मुझे कोई बीमारी लग गई । कुछ
ही दिनों मैंने उसपर काम किया था कि मुझे ...
Page 277
कोई अजनबी बंगले में पांव भर रखे , वह भूक -
मंककर सारा घर सिर पर उठा लेती थी ।
पोस्टमनपुलिस की खाकी वरदी से उसे खास
नफ़रत थी - उन्हें ...
कोई अजनबी बंगले में पांव भर रखे , वह भूक -
मंककर सारा घर सिर पर उठा लेती थी ।
पोस्टमनपुलिस की खाकी वरदी से उसे खास
नफ़रत थी - उन्हें ...
Page 468
मुझे याद है मोतियाखान में उसने एक गराज
लिया था , जहाँ उसने ... मारुति का नमूना जब
तैयार हुआ था तो पहले - पहल वह उसे चलाकर
हमारे घर लाया ...
मुझे याद है मोतियाखान में उसने एक गराज
लिया था , जहाँ उसने ... मारुति का नमूना जब
तैयार हुआ था तो पहले - पहल वह उसे चलाकर
हमारे घर लाया ...
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अंग्रेजी अगर अधिक अनुवाद अपना अपनी अपने अब अमिताभ आए आप इस उनका उनकी उनके उन्हें उन्होंने उस उसका उसकी उसके उसे एक ऐसा ओर और कई कभी कम कर करते करना करने कविता कहा कहीं का काम किया था किसी की कुछ के बाद के लिए के साथ को कोई क्या गई गए गया था घर जब जा जाती जाने जी जीवन जो तक तब तरह तेजी तो था कि थी थीं थे दिन दिया गया दिल्ली दी दो दोनों नहीं नाम ने पंडित पर पहले पास प्रति फिर बड़ा बड़ी बहुत बात बार भी मन मुझे में में भी मेरा मेरी मेरे मैं मैंने यह यहाँ या याद रहा रही रहे रूप में लगा लिया ले लोग वर्ष वह वहाँ वे शायद सकता सब समय सामने से हम हमारे हमें हिंदी ही हुआ हुई हुए हूँ है और है कि हैं हो होगा होता होती होने