'दशद्वार' से 'सोपान' तकAutobiography of Harivansh Rai Bachchan (Part 4) |
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... जिसे ब्राह्मणों ने दिया , इतर श्रमण धर्म जिसकी जड़ें उसने इस देश में जमने नहीं दीं ...। ' - उनसे विदा लेकर जाने लगा तो दरवाजे तक मुझे ...
... जिसे ब्राह्मणों ने दिया , इतर श्रमण धर्म जिसकी जड़ें उसने इस देश में जमने नहीं दीं ...। ' - उनसे विदा लेकर जाने लगा तो दरवाजे तक मुझे ...
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... जो अब भी थी , वह थी फ्रांस की शराब और इत्रों के नमूने प्रदर्शित करनेवाली जगह - जगह शीशे की आलमारियाँ ! पेरिस में मैं श्री कात्यायनी ...
... जो अब भी थी , वह थी फ्रांस की शराब और इत्रों के नमूने प्रदर्शित करनेवाली जगह - जगह शीशे की आलमारियाँ ! पेरिस में मैं श्री कात्यायनी ...
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... जो उनके सगे हैं , निकट के हैं हम क्या कर रहे हैं । हमारी तरफ़ से जो करना था , जो किया जा सकता था उसका दायित्व , उसका भार अजिताभ ने अपने ...
... जो उनके सगे हैं , निकट के हैं हम क्या कर रहे हैं । हमारी तरफ़ से जो करना था , जो किया जा सकता था उसका दायित्व , उसका भार अजिताभ ने अपने ...
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Common terms and phrases
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