'दशद्वार' से 'सोपान' तकAutobiography of Harivansh Rai Bachchan (Part 4) |
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मुझे ऐसे कम ही अवसर याद हैं जब मैं दफ्तर
पहँचा है और नहीं देखता कि पंडित जी की गाड़ी
खड़ी है । जिन दिनों संसद के सत्र चालू रहते
उन ...
मुझे ऐसे कम ही अवसर याद हैं जब मैं दफ्तर
पहँचा है और नहीं देखता कि पंडित जी की गाड़ी
खड़ी है । जिन दिनों संसद के सत्र चालू रहते
उन ...
Page 75
पंडित जी उनसे दो - चार मिनट खेलते हैं , कहते
हैं , ' देखो , इन कुत्तों ने भी मेरी शेरवानी के
रंग की ऊनी शेरवानी पहन रखी है ! ' कुत्ते झबरे ...
पंडित जी उनसे दो - चार मिनट खेलते हैं , कहते
हैं , ' देखो , इन कुत्तों ने भी मेरी शेरवानी के
रंग की ऊनी शेरवानी पहन रखी है ! ' कुत्ते झबरे ...
Page 104
मैंने पद्मजा नायड़ के पास पंडित जी का एक
चित्र देखा था जिसमें किसी बौद्ध मठ में
उन्हें बौद्ध भिक्षुओं का चीवर भेंट किया
गया था ...
मैंने पद्मजा नायड़ के पास पंडित जी का एक
चित्र देखा था जिसमें किसी बौद्ध मठ में
उन्हें बौद्ध भिक्षुओं का चीवर भेंट किया
गया था ...
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अंग्रेजी अगर अधिक अनुवाद अपना अपनी अपने अब अमिताभ आए आप इस उनका उनकी उनके उन्हें उन्होंने उस उसका उसकी उसके उसे एक ऐसा ओर और कई कभी कम कर करते करना करने कविता कहा कहीं का काम किया था किसी की कुछ के बाद के लिए के साथ को कोई क्या गई गए गया था घर जब जा जाती जाने जी जीवन जो तक तब तरह तेजी तो था कि थी थीं थे दिन दिया गया दिल्ली दी दो दोनों नहीं नाम ने पंडित पर पहले पास प्रति फिर बड़ा बड़ी बहुत बात बार भी मन मुझे में में भी मेरा मेरी मेरे मैं मैंने यह यहाँ या याद रहा रही रहे रूप में लगा लिया ले लोग वर्ष वह वहाँ वे शायद सकता सब समय सामने से हम हमारे हमें हिंदी ही हुआ हुई हुए हूँ है और है कि हैं हो होगा होता होती होने