'दशद्वार' से 'सोपान' तकAutobiography of Harivansh Rai Bachchan (Part 4) |
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Page 212
ग़ज़ल के साज़ उठाओ बड़ी उदास है रात , नवा - ए - '
मोर ' सुनाओ बड़ी उदास है रात । अभी तो ज़िक्रे
- सहर दोस्तो है दूर की बात , अभी तो देखते जाओ ...
ग़ज़ल के साज़ उठाओ बड़ी उदास है रात , नवा - ए - '
मोर ' सुनाओ बड़ी उदास है रात । अभी तो ज़िक्रे
- सहर दोस्तो है दूर की बात , अभी तो देखते जाओ ...
Page 278
मेरी यह कोई विजय नहीं थी । मैं एक बहुत बड़ी
चीज हार गया था - पंत ऐसा आत्मीय । शायद पंत जी
को भी आभास हुआ हो कि मुकदमे के अलावा वे कुछ ...
मेरी यह कोई विजय नहीं थी । मैं एक बहुत बड़ी
चीज हार गया था - पंत ऐसा आत्मीय । शायद पंत जी
को भी आभास हुआ हो कि मुकदमे के अलावा वे कुछ ...
Page 356
बड़ी - बड़ी छुरियों से गला आगे से काटा जाता
था और लंबी तलवारों से ... कुछ सजाएं तो बड़ी ही
घिनौनी थीं - - जैसे मल - मूत्र के तोबड़े मुंह ...
बड़ी - बड़ी छुरियों से गला आगे से काटा जाता
था और लंबी तलवारों से ... कुछ सजाएं तो बड़ी ही
घिनौनी थीं - - जैसे मल - मूत्र के तोबड़े मुंह ...
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अंग्रेजी अगर अधिक अनुवाद अपना अपनी अपने अब अमिताभ आए आप इस उनका उनकी उनके उन्हें उन्होंने उस उसका उसकी उसके उसे एक ऐसा ओर और कई कभी कम कर करते करना करने कविता कहा कहीं का काम किया था किसी की कुछ के बाद के लिए के साथ को कोई क्या गई गए गया था घर जब जा जाती जाने जी जीवन जो तक तब तरह तेजी तो था कि थी थीं थे दिन दिया गया दिल्ली दी दो दोनों नहीं नाम ने पंडित पर पहले पास प्रति फिर बड़ा बड़ी बहुत बात बार भी मन मुझे में में भी मेरा मेरी मेरे मैं मैंने यह यहाँ या याद रहा रही रहे रूप में लगा लिया ले लोग वर्ष वह वहाँ वे शायद सकता सब समय सामने से हम हमारे हमें हिंदी ही हुआ हुई हुए हूँ है और है कि हैं हो होगा होता होती होने