'दशद्वार' से 'सोपान' तकAutobiography of Harivansh Rai Bachchan (Part 4) |
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... है । कहीं ' स्वधर्म ' स्वार्थ भी हो सकता है , कहीं परधर्म त्याग भी । — या मैं संतुष्ट हूँ , शांत हूँ । तुम्हें स्वेच्छा से स्वधर्म ...
... है । कहीं ' स्वधर्म ' स्वार्थ भी हो सकता है , कहीं परधर्म त्याग भी । — या मैं संतुष्ट हूँ , शांत हूँ । तुम्हें स्वेच्छा से स्वधर्म ...
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... हूँ तब उनको कितनी सशक्त , कितनी अनुभवसिद्ध और अपने पद पर कितनी साधिकार प्रतिष्ठित देख रहा हूँ । इन छह वर्षों में मैं भी लेखक रूप में ...
... हूँ तब उनको कितनी सशक्त , कितनी अनुभवसिद्ध और अपने पद पर कितनी साधिकार प्रतिष्ठित देख रहा हूँ । इन छह वर्षों में मैं भी लेखक रूप में ...
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... हूँ — पहले खंड का । पहला ही सूत्र है- माहं ब्रह्म निराकुर्यां मा ... हूँ कि मैं उसे जानता हूँ , न मैं यही मानता हूँ कि मैं उसे नहीं जानता ...
... हूँ — पहले खंड का । पहला ही सूत्र है- माहं ब्रह्म निराकुर्यां मा ... हूँ कि मैं उसे जानता हूँ , न मैं यही मानता हूँ कि मैं उसे नहीं जानता ...
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