Pṛthvīrāja rāsō. Sampādaka: Kavirāva Mōhanasiṃha. [Prathama samskaraṇa], Volume 1Sāhitya Saṃstthāna, 1954 |
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... और शिव तत्व का दर्शना करना है जो आज भी अपने कलात्मक - स् - सौन्दर्य से काव्य - रसिकों को अपनी ओर आकर्षित करता है | ' पृथ्वीराज रासौ ...
... और शिव तत्व का दर्शना करना है जो आज भी अपने कलात्मक - स् - सौन्दर्य से काव्य - रसिकों को अपनी ओर आकर्षित करता है | ' पृथ्वीराज रासौ ...
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... और उसके साथ पृथ्वीराज का युद्ध सौराष्ट्र और काठियावाड़ के अन्तर्गत सोजत्री और प्रभाष क्षेत्र ( सोमनाथ पट्टन ) के निजट हुए थे बाद ...
... और उसके साथ पृथ्वीराज का युद्ध सौराष्ट्र और काठियावाड़ के अन्तर्गत सोजत्री और प्रभाष क्षेत्र ( सोमनाथ पट्टन ) के निजट हुए थे बाद ...
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... और मोहन प्रतिहार , चामन्डराय और प्रतापसिंह- का युध्द १५४ से १५८ बलराय ( नाहरराय ) और लोहाना आजान बाहु का युध्द- १५८ से १६३ नाहरराय का ...
... और मोहन प्रतिहार , चामन्डराय और प्रतापसिंह- का युध्द १५४ से १५८ बलराय ( नाहरराय ) और लोहाना आजान बाहु का युध्द- १५८ से १६३ नाहरराय का ...
Common terms and phrases
अंग अपने अर्थ अर्थः आदि इस प्रकार उन उस उस समय उसका उसकी उसके उसने उसी उसे एक ओर और कन्ह कर करके करता करते करना करने करि कवि कवित्त कहा का का० कि किया की कृष्ण के लिये के समान के साथ को कोई गई गया गये ग्रा० पाठ १ घ० घर चंद जा जिससे जो तथा तब तुल्य तो था थी थे दिन दिया दिल्ली दी दे० देने दोनों दोहा द्वारा नहीं नाम ने पर पा० पा० १ पुत्र पृथ्वी पृथ्वीराज पृथ्वीराज के प्रा० प्राप्त बर बल बात ब्रह्मा भी मन मानों मुख मुगल में यह या युक्त युद्ध रस राज राजस्थान राजा राम रूप लगा लगी लगे लिया वर वर्णन वह वाला वाले विशेष वीर वीरों वे शब्दार्थः शरीर शिव श्रेष्ठ सब सिर सु सूर्य से सेना स्थान स्वरूप हाथ हाथी ही हुआ हुई हुए हे है हैं हो होकर होने