Pṛthvīrāja rāsō. Sampādaka: Kavirāva Mōhanasiṃha. [Prathama samskaraṇa], Volume 1Sāhitya Saṃstthāna, 1954 |
From inside the book
Results 1-3 of 84
Page 221
... करि ॥ ।। समध्थं । सामंत अनंत रण वहे सुर हथं ॥ करि सुचित्त भर एक मन । मम " -करि अरि सद्धिय सयन ॥ ७ ॥ ग्रा ० पाठ १ , ३ दे ० । २ पा ० का ० । ४ ...
... करि ॥ ।। समध्थं । सामंत अनंत रण वहे सुर हथं ॥ करि सुचित्त भर एक मन । मम " -करि अरि सद्धिय सयन ॥ ७ ॥ ग्रा ० पाठ १ , ३ दे ० । २ पा ० का ० । ४ ...
Page 305
... करि फिरिय सव , भोजन कारण वोलि । भाव भगति आदर अमित , देव पूज सम तोलि ।। २८ ।। । शब्दार्थः - फिरिय चार द्वारा चार । करि करके , होने पर ...
... करि फिरिय सव , भोजन कारण वोलि । भाव भगति आदर अमित , देव पूज सम तोलि ।। २८ ।। । शब्दार्थः - फिरिय चार द्वारा चार । करि करके , होने पर ...
Page 348
... करि , चंद सत्त गज राज । इक अग्गर ' सत्तरि सु हय , नग मोती वहु साज ॥ ५ ॥ प्रा ० पाठ , १ पा ० । शब्दार्थः - इक श्रग्गर - सत्तरि = सित्तर और एक ...
... करि , चंद सत्त गज राज । इक अग्गर ' सत्तरि सु हय , नग मोती वहु साज ॥ ५ ॥ प्रा ० पाठ , १ पा ० । शब्दार्थः - इक श्रग्गर - सत्तरि = सित्तर और एक ...
Common terms and phrases
अंग अपने अर्थ अर्थः आदि इस प्रकार उन उस उस समय उसका उसकी उसके उसने उसी उसे एक ओर और कन्ह कर करके करता करते करना करने करि कवि कवित्त कहा का का० कि किया की कृष्ण के लिये के समान के साथ को कोई गई गया गये ग्रा० पाठ १ घ० घर चंद जा जिससे जो तथा तब तुल्य तो था थी थे दिन दिया दिल्ली दी दे० देने दोनों दोहा द्वारा नहीं नाम ने पर पा० पा० १ पुत्र पृथ्वी पृथ्वीराज पृथ्वीराज के प्रा० प्राप्त बर बल बात ब्रह्मा भी मन मानों मुख मुगल में यह या युक्त युद्ध रस राज राजस्थान राजा राम रूप लगा लगी लगे लिया वर वर्णन वह वाला वाले विशेष वीर वीरों वे शब्दार्थः शरीर शिव श्रेष्ठ सब सिर सु सूर्य से सेना स्थान स्वरूप हाथ हाथी ही हुआ हुई हुए हे है हैं हो होकर होने