Pṛthvīrāja rāsō. Sampādaka: Kavirāva Mōhanasiṃha. [Prathama samskaraṇa], Volume 1Sāhitya Saṃstthāna, 1954 |
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... कहने लगा हे संभरेश्वर । दैविक गति के संयोग से आपका पुत्र दिल्ली पर तपेगा । यह मेरे द्वारा सुनी हुई बात को आप निश्चय मानें । आगे क्या ...
... कहने लगा हे संभरेश्वर । दैविक गति के संयोग से आपका पुत्र दिल्ली पर तपेगा । यह मेरे द्वारा सुनी हुई बात को आप निश्चय मानें । आगे क्या ...
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... कहने लगी । तुहनन = दांतों में दबाती हुई । - अर्थः- 1 : - पीताम्बर , जाज्वल्यमान उज्जवल - मुख कांति , और हरित तन द्युति संमिलित हो गई ...
... कहने लगी । तुहनन = दांतों में दबाती हुई । - अर्थः- 1 : - पीताम्बर , जाज्वल्यमान उज्जवल - मुख कांति , और हरित तन द्युति संमिलित हो गई ...
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... कहने के बाद कुछ ही दिनों तक वह वहाँ रहा , पश्चात् यह कह कर वह रवाना हुआ कि लग्न वसन्त के अन्तर्गत वैशाख मास के पञ्चमी रविवार को होना ...
... कहने के बाद कुछ ही दिनों तक वह वहाँ रहा , पश्चात् यह कह कर वह रवाना हुआ कि लग्न वसन्त के अन्तर्गत वैशाख मास के पञ्चमी रविवार को होना ...
Common terms and phrases
अंग अपने अर्थ अर्थः आदि इस प्रकार उन उस उस समय उसका उसकी उसके उसने उसी उसे एक ओर और कन्ह कर करके करता करते करना करने करि कवि कवित्त कहा का का० कि किया की कृष्ण के लिये के समान के साथ को कोई गई गया गये ग्रा० पाठ १ घ० घर चंद जा जिससे जो तथा तब तुल्य तो था थी थे दिन दिया दिल्ली दी दे० देने दोनों दोहा द्वारा नहीं नाम ने पर पा० पा० १ पुत्र पृथ्वी पृथ्वीराज पृथ्वीराज के प्रा० प्राप्त बर बल बात ब्रह्मा भी मन मानों मुख मुगल में यह या युक्त युद्ध रस राज राजस्थान राजा राम रूप लगा लगी लगे लिया वर वर्णन वह वाला वाले विशेष वीर वीरों वे शब्दार्थः शरीर शिव श्रेष्ठ सब सिर सु सूर्य से सेना स्थान स्वरूप हाथ हाथी ही हुआ हुई हुए हे है हैं हो होकर होने