Pṛthvīrāja rāsō. Sampādaka: Kavirāva Mōhanasiṃha. [Prathama samskaraṇa], Volume 1Sāhitya Saṃstthāna, 1954 |
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... की गति का तो पूछना ही क्या है ? अवतार ग्रहण कर प्रस्थान किया , तब धरि कच्छप कौरूप , भूप दानव संहारे । लई लच्छि सागर सुमत्थि , रिक्ख ...
... की गति का तो पूछना ही क्या है ? अवतार ग्रहण कर प्रस्थान किया , तब धरि कच्छप कौरूप , भूप दानव संहारे । लई लच्छि सागर सुमत्थि , रिक्ख ...
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... किया ऐसे है , नृसिंह प्रभू ? हम तेरी शरण हैं । सहस भुजा सिर इक्क ... किया , कुचल दिया । मर बध्थिय - बाहु पसार कर संग्रह किया । दुजन ...
... किया ऐसे है , नृसिंह प्रभू ? हम तेरी शरण हैं । सहस भुजा सिर इक्क ... किया , कुचल दिया । मर बध्थिय - बाहु पसार कर संग्रह किया । दुजन ...
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... किया । इक्क = अकेले ने । मन रंजयौ = मन प्रसन्न किया । अर्थः : - इस युद्ध में दो सहस्र लोहाने वीर रण क्षेत्र में रहे तथा दो हाथी मारे गये ...
... किया । इक्क = अकेले ने । मन रंजयौ = मन प्रसन्न किया । अर्थः : - इस युद्ध में दो सहस्र लोहाने वीर रण क्षेत्र में रहे तथा दो हाथी मारे गये ...
Common terms and phrases
अंग अपने अर्थ अर्थः आदि इस प्रकार उन उस उस समय उसका उसकी उसके उसने उसी उसे एक ओर और कन्ह कर करके करता करते करना करने करि कवि कवित्त कहा का का० कि किया की कृष्ण के लिये के समान के साथ को कोई गई गया गये ग्रा० पाठ १ घ० घर चंद जा जिससे जो तथा तब तुल्य तो था थी थे दिन दिया दिल्ली दी दे० देने दोनों दोहा द्वारा नहीं नाम ने पर पा० पा० १ पुत्र पृथ्वी पृथ्वीराज पृथ्वीराज के प्रा० प्राप्त बर बल बात ब्रह्मा भी मन मानों मुख मुगल में यह या युक्त युद्ध रस राज राजस्थान राजा राम रूप लगा लगी लगे लिया वर वर्णन वह वाला वाले विशेष वीर वीरों वे शब्दार्थः शरीर शिव श्रेष्ठ सब सिर सु सूर्य से सेना स्थान स्वरूप हाथ हाथी ही हुआ हुई हुए हे है हैं हो होकर होने