Pṛthvīrāja rāsō. Sampādaka: Kavirāva Mōhanasiṃha. [Prathama samskaraṇa], Volume 1Sāhitya Saṃstthāna, 1954 |
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... कि तत्कालीन राजा वीरों का कितना सम्मान करते थे कि कारण वश उनसे रुष्ट हो जाने पर भी शान्ति और धैर्य से काम लिया करते थे । यद्यपि यह ...
... कि तत्कालीन राजा वीरों का कितना सम्मान करते थे कि कारण वश उनसे रुष्ट हो जाने पर भी शान्ति और धैर्य से काम लिया करते थे । यद्यपि यह ...
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... कि काफिर वही है , जिसमें कामाग्नि बुलन्द हो । जो ( व्यभिचार के हेतु ) इधर - उधर डोलता हो , स्वामी की प्रेमिका से सम्बन्ध रखता हो ...
... कि काफिर वही है , जिसमें कामाग्नि बुलन्द हो । जो ( व्यभिचार के हेतु ) इधर - उधर डोलता हो , स्वामी की प्रेमिका से सम्बन्ध रखता हो ...
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... कि । । सुनिव मंत्रि कयमास कहि , करहु निसान टमंकि ॥ ३८ ॥ -मति = सलाह | समु कि = हुमककर , हुंकार करके । सुनिव = सुनकर | निसान नक्कारे ...
... कि । । सुनिव मंत्रि कयमास कहि , करहु निसान टमंकि ॥ ३८ ॥ -मति = सलाह | समु कि = हुमककर , हुंकार करके । सुनिव = सुनकर | निसान नक्कारे ...
Common terms and phrases
अंग अपने अर्थ अर्थः आदि इस प्रकार उन उस उस समय उसका उसकी उसके उसने उसी उसे एक ओर और कन्ह कर करके करता करते करना करने करि कवि कवित्त कहा का का० कि किया की कृष्ण के लिये के समान के साथ को कोई गई गया गये ग्रा० पाठ १ घ० घर चंद जा जिससे जो तथा तब तुल्य तो था थी थे दिन दिया दिल्ली दी दे० देने दोनों दोहा द्वारा नहीं नाम ने पर पा० पा० १ पुत्र पृथ्वी पृथ्वीराज पृथ्वीराज के प्रा० प्राप्त बर बल बात ब्रह्मा भी मन मानों मुख मुगल में यह या युक्त युद्ध रस राज राजस्थान राजा राम रूप लगा लगी लगे लिया वर वर्णन वह वाला वाले विशेष वीर वीरों वे शब्दार्थः शरीर शिव श्रेष्ठ सब सिर सु सूर्य से सेना स्थान स्वरूप हाथ हाथी ही हुआ हुई हुए हे है हैं हो होकर होने