Pṛthvīrāja rāsō. Sampādaka: Kavirāva Mōhanasiṃha. [Prathama samskaraṇa], Volume 1Sāhitya Saṃstthāna, 1954 |
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... जल जब सु राम चढ़ि लंक , तब सु चक चक्की जब सु राम चढ़ि लंक , तब सु लंका तारिय । धारिय || चाहिये | पुर दाहिय || जब राम चढ़े दल बंनरन , भिरन ...
... जल जब सु राम चढ़ि लंक , तब सु चक चक्की जब सु राम चढ़ि लंक , तब सु लंका तारिय । धारिय || चाहिये | पुर दाहिय || जब राम चढ़े दल बंनरन , भिरन ...
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... जल जाता है , उसी तरह वे जल में प्रवेश करने पर भी दग्ध हो कृष्ण चिंतन रूपी सब सुखों से परे जो सुख है उसमें लीन हो जाती थीं । वसन्त में ...
... जल जाता है , उसी तरह वे जल में प्रवेश करने पर भी दग्ध हो कृष्ण चिंतन रूपी सब सुखों से परे जो सुख है उसमें लीन हो जाती थीं । वसन्त में ...
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... जल में रहती , ग्रीष्म में अग्नि को सहती , वर्षा में भयंकर पवन को बरदाश्त करती हुई , वे वन में विचरतीं और हे उमा ? वे नित्य हृदय से ...
... जल में रहती , ग्रीष्म में अग्नि को सहती , वर्षा में भयंकर पवन को बरदाश्त करती हुई , वे वन में विचरतीं और हे उमा ? वे नित्य हृदय से ...
Common terms and phrases
अंग अपने अर्थ अर्थः आदि इस प्रकार उन उस उस समय उसका उसकी उसके उसने उसी उसे एक ओर और कन्ह कर करके करता करते करना करने करि कवि कवित्त कहा का का० कि किया की कृष्ण के लिये के समान के साथ को कोई गई गया गये ग्रा० पाठ १ घ० घर चंद जा जिससे जो तथा तब तुल्य तो था थी थे दिन दिया दिल्ली दी दे० देने दोनों दोहा द्वारा नहीं नाम ने पर पा० पा० १ पुत्र पृथ्वी पृथ्वीराज पृथ्वीराज के प्रा० प्राप्त बर बल बात ब्रह्मा भी मन मानों मुख मुगल में यह या युक्त युद्ध रस राज राजस्थान राजा राम रूप लगा लगी लगे लिया वर वर्णन वह वाला वाले विशेष वीर वीरों वे शब्दार्थः शरीर शिव श्रेष्ठ सब सिर सु सूर्य से सेना स्थान स्वरूप हाथ हाथी ही हुआ हुई हुए हे है हैं हो होकर होने