Pṛthvīrāja rāsō. Sampādaka: Kavirāva Mōhanasiṃha. [Prathama samskaraṇa], Volume 1Sāhitya Saṃstthāna, 1954 |
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Page 140
... प्रा ० पा ० १ , २ दे , भीं । ३ दे ० । ४ पा ० । शब्दार्थ : - अंमर - थंबर , वस्त्र । अन्नि = अन्न । मनका = मंशा , इच्छा । अर्थः- । : - अन्न वस्त्र ...
... प्रा ० पा ० १ , २ दे , भीं । ३ दे ० । ४ पा ० । शब्दार्थ : - अंमर - थंबर , वस्त्र । अन्नि = अन्न । मनका = मंशा , इच्छा । अर्थः- । : - अन्न वस्त्र ...
Page 328
... १ दोहा सुनत कथत इछि वत्तरी , गइ रत्तरी विहाइ । दुज्ज कही दुजि स्यंभरिय , प्रा ० पा ० १ , २ पा ० । ३ दे ० । शब्दार्थ : - कथत = कहते २ । इछी ...
... १ दोहा सुनत कथत इछि वत्तरी , गइ रत्तरी विहाइ । दुज्ज कही दुजि स्यंभरिय , प्रा ० पा ० १ , २ पा ० । ३ दे ० । शब्दार्थ : - कथत = कहते २ । इछी ...
Page 369
... १ ॥ प्रा ० पा ० १ पा ० । २ से १० दे ० । शब्दार्थः - चित्रकूट = चित्तौड़ । नग्र्यंद = नरेंद्र | स्थंघ = सिंह | सोमेसुर = सोमेश्वर | मुख ...
... १ ॥ प्रा ० पा ० १ पा ० । २ से १० दे ० । शब्दार्थः - चित्रकूट = चित्तौड़ । नग्र्यंद = नरेंद्र | स्थंघ = सिंह | सोमेसुर = सोमेश्वर | मुख ...
Common terms and phrases
अंग अपने अर्थ अर्थः आदि इस प्रकार उन उस उस समय उसका उसकी उसके उसने उसी उसे एक ओर और कन्ह कर करके करता करते करना करने करि कवि कवित्त कहा का का० कि किया की कृष्ण के लिये के समान के साथ को कोई गई गया गये ग्रा० पाठ १ घ० घर चंद जा जिससे जो तथा तब तुल्य तो था थी थे दिन दिया दिल्ली दी दे० देने दोनों दोहा द्वारा नहीं नाम ने पर पा० पा० १ पुत्र पृथ्वी पृथ्वीराज पृथ्वीराज के प्रा० प्राप्त बर बल बात ब्रह्मा भी मन मानों मुख मुगल में यह या युक्त युद्ध रस राज राजस्थान राजा राम रूप लगा लगी लगे लिया वर वर्णन वह वाला वाले विशेष वीर वीरों वे शब्दार्थः शरीर शिव श्रेष्ठ सब सिर सु सूर्य से सेना स्थान स्वरूप हाथ हाथी ही हुआ हुई हुए हे है हैं हो होकर होने