Pṛthvīrāja rāsō. Sampādaka: Kavirāva Mōhanasiṃha. [Prathama samskaraṇa], Volume 1Sāhitya Saṃstthāna, 1954 |
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... शत्रुओं के लिये वह तप्त वायु के समान था | सत्र = शत्रु | अनभंग = अभंग | जंग = युद्ध समर | पत्रन पाइ - पत्रन प्राय , पत्रन स्वरूप | लखै ...
... शत्रुओं के लिये वह तप्त वायु के समान था | सत्र = शत्रु | अनभंग = अभंग | जंग = युद्ध समर | पत्रन पाइ - पत्रन प्राय , पत्रन स्वरूप | लखै ...
Page 281
... शत्रुओं के अंगों को काटने के लिये खड्ग प्रहार किया , जिससे दो ... शत्रुओं ( मुसलमानों ) ने युद्ध स्थल समय श्र ेष्ठ वीर नरसिंह चालुक्य ...
... शत्रुओं के अंगों को काटने के लिये खड्ग प्रहार किया , जिससे दो ... शत्रुओं ( मुसलमानों ) ने युद्ध स्थल समय श्र ेष्ठ वीर नरसिंह चालुक्य ...
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... शत्रु । घात = प्रत्याघात , हिंसा | सूर = शूर । ते = त्रे · सज्जै = तैयार ... शत्रुओं को नष्ट कर देने वाले और युद्ध कर्ता थे । ऐसे वे सब वीर ...
... शत्रु । घात = प्रत्याघात , हिंसा | सूर = शूर । ते = त्रे · सज्जै = तैयार ... शत्रुओं को नष्ट कर देने वाले और युद्ध कर्ता थे । ऐसे वे सब वीर ...
Common terms and phrases
अंग अपने अर्थ अर्थः आदि इस प्रकार उन उस उस समय उसका उसकी उसके उसने उसी उसे एक ओर और कन्ह कर करके करता करते करना करने करि कवि कवित्त कहा का का० कि किया की कृष्ण के लिये के समान के साथ को कोई गई गया गये ग्रा० पाठ १ घ० घर चंद जा जिससे जो तथा तब तुल्य तो था थी थे दिन दिया दिल्ली दी दे० देने दोनों दोहा द्वारा नहीं नाम ने पर पा० पा० १ पुत्र पृथ्वी पृथ्वीराज पृथ्वीराज के प्रा० प्राप्त बर बल बात ब्रह्मा भी मन मानों मुख मुगल में यह या युक्त युद्ध रस राज राजस्थान राजा राम रूप लगा लगी लगे लिया वर वर्णन वह वाला वाले विशेष वीर वीरों वे शब्दार्थः शरीर शिव श्रेष्ठ सब सिर सु सूर्य से सेना स्थान स्वरूप हाथ हाथी ही हुआ हुई हुए हे है हैं हो होकर होने