Pṛthvīrāja rāsō. Sampādaka: Kavirāva Mōhanasiṃha. [Prathama samskaraṇa], Volume 1Sāhitya Saṃstthāna, 1954 |
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... सिर पर है । इसीलिये यह संक्षिप्त में राम और कृष्ण की लीला मैंने वर्णन की । कवित्त १ 3 ני सिर चहुआना भार , राम लीला कछु गाईय । सनक सनंद ...
... सिर पर है । इसीलिये यह संक्षिप्त में राम और कृष्ण की लीला मैंने वर्णन की । कवित्त १ 3 ני सिर चहुआना भार , राम लीला कछु गाईय । सनक सनंद ...
Page 98
... सिर भल्लयौ ढंढोलन गय ठान ॥ ४ ॥ शब्दार्थ : - तबीब = वैद्य , हकीम । तसलीम = प्रणाम , सलाम । लै घरि - घर ले गये । । तसलीम = प्रणाम , | लुहान ...
... सिर भल्लयौ ढंढोलन गय ठान ॥ ४ ॥ शब्दार्थ : - तबीब = वैद्य , हकीम । तसलीम = प्रणाम , सलाम । लै घरि - घर ले गये । । तसलीम = प्रणाम , | लुहान ...
Page 407
... सिर पर तलवार चलादी जिससे उसका सिर इस तरह कट पड़ा , जिस प्रकार शक्ति को बलि देने के लिये बकरे को मारा जाता है । उसके इस प्रकार युद्ध ...
... सिर पर तलवार चलादी जिससे उसका सिर इस तरह कट पड़ा , जिस प्रकार शक्ति को बलि देने के लिये बकरे को मारा जाता है । उसके इस प्रकार युद्ध ...
Common terms and phrases
अंग अपने अर्थ अर्थः आदि इस प्रकार उन उस उस समय उसका उसकी उसके उसने उसी उसे एक ओर और कन्ह कर करके करता करते करना करने करि कवि कवित्त कहा का का० कि किया की कृष्ण के लिये के समान के साथ को कोई गई गया गये ग्रा० पाठ १ घ० घर चंद जा जिससे जो तथा तब तुल्य तो था थी थे दिन दिया दिल्ली दी दे० देने दोनों दोहा द्वारा नहीं नाम ने पर पा० पा० १ पुत्र पृथ्वी पृथ्वीराज पृथ्वीराज के प्रा० प्राप्त बर बल बात ब्रह्मा भी मन मानों मुख मुगल में यह या युक्त युद्ध रस राज राजस्थान राजा राम रूप लगा लगी लगे लिया वर वर्णन वह वाला वाले विशेष वीर वीरों वे शब्दार्थः शरीर शिव श्रेष्ठ सब सिर सु सूर्य से सेना स्थान स्वरूप हाथ हाथी ही हुआ हुई हुए हे है हैं हो होकर होने