Pṛthvīrāja rāsō. Sampādaka: Kavirāva Mōhanasiṃha. [Prathama samskaraṇa], Volume 1Sāhitya Saṃstthāna, 1954 |
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... सूर्य , काच में प्रतिबिंब , विभूति से आच्छादित शिव , निरसता और सरसता जैसे अपने हाथ में , तथ्यता जैसे स्रजता में , चलित प्राणी पहाड़ ...
... सूर्य , काच में प्रतिबिंब , विभूति से आच्छादित शिव , निरसता और सरसता जैसे अपने हाथ में , तथ्यता जैसे स्रजता में , चलित प्राणी पहाड़ ...
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... सूर्य । हिंडिय = चलता था [ उत्तरायण को सूर्य था ] | दनुवार = सूर्यवार । सधि = साधकर । घर णिन्यो घर लिया , मान लिया , निश्चय कर लिया । वर ...
... सूर्य । हिंडिय = चलता था [ उत्तरायण को सूर्य था ] | दनुवार = सूर्यवार । सधि = साधकर । घर णिन्यो घर लिया , मान लिया , निश्चय कर लिया । वर ...
Page 371
... सूर्य वंश से प्रसिद्ध है ( या - हिन्दु कूल में यह सूर्य स्वरूप है ) । कवित्त हिंदवान कुल भांन , धम रक्खन सु वेद बर । लै मुंजानी ढाल ...
... सूर्य वंश से प्रसिद्ध है ( या - हिन्दु कूल में यह सूर्य स्वरूप है ) । कवित्त हिंदवान कुल भांन , धम रक्खन सु वेद बर । लै मुंजानी ढाल ...
Common terms and phrases
अंग अपने अर्थ अर्थः आदि इस प्रकार उन उस उस समय उसका उसकी उसके उसने उसी उसे एक ओर और कन्ह कर करके करता करते करना करने करि कवि कवित्त कहा का का० कि किया की कृष्ण के लिये के समान के साथ को कोई गई गया गये ग्रा० पाठ १ घ० घर चंद जा जिससे जो तथा तब तुल्य तो था थी थे दिन दिया दिल्ली दी दे० देने दोनों दोहा द्वारा नहीं नाम ने पर पा० पा० १ पुत्र पृथ्वी पृथ्वीराज पृथ्वीराज के प्रा० प्राप्त बर बल बात ब्रह्मा भी मन मानों मुख मुगल में यह या युक्त युद्ध रस राज राजस्थान राजा राम रूप लगा लगी लगे लिया वर वर्णन वह वाला वाले विशेष वीर वीरों वे शब्दार्थः शरीर शिव श्रेष्ठ सब सिर सु सूर्य से सेना स्थान स्वरूप हाथ हाथी ही हुआ हुई हुए हे है हैं हो होकर होने