Pṛthvīrāja rāsō. Sampādaka: Kavirāva Mōhanasiṃha. [Prathama samskaraṇa], Volume 1Sāhitya Saṃstthāna, 1954 |
From inside the book
Results 1-3 of 81
Page 15
... हाथ । जजित = यज्ञ कर्ता ने । जाजन्नि = यज्ञ कराने वाले । अहुति = श्राहुति । श्राह्वान = श्रावाहन किया , बुलाया । चत्र सु बाहु = चार हाथ ...
... हाथ । जजित = यज्ञ कर्ता ने । जाजन्नि = यज्ञ कराने वाले । अहुति = श्राहुति । श्राह्वान = श्रावाहन किया , बुलाया । चत्र सु बाहु = चार हाथ ...
Page 145
... हाथ चढ़ी - हाथ उठ गये , विरोध हो गया । दलु = दल | धरलैंहि = धर लेगा , लेलेगा | अर्थः- सामन्तों ने कहा कि जब एक दूसरे पर हाथ उठ गये ( विरोध ...
... हाथ चढ़ी - हाथ उठ गये , विरोध हो गया । दलु = दल | धरलैंहि = धर लेगा , लेलेगा | अर्थः- सामन्तों ने कहा कि जब एक दूसरे पर हाथ उठ गये ( विरोध ...
Page 339
... हाथ । रक्खि = रक्खी | करतार = ईश्वर । श्रप्पु कर == श्रपने हाथ में । जिहिं = जिस । संधान = शरापंजर | बुंद = बूंद | फुट्ठिय = फूटी , पार कर ...
... हाथ । रक्खि = रक्खी | करतार = ईश्वर । श्रप्पु कर == श्रपने हाथ में । जिहिं = जिस । संधान = शरापंजर | बुंद = बूंद | फुट्ठिय = फूटी , पार कर ...
Common terms and phrases
अंग अपने अर्थ अर्थः आदि इस प्रकार उन उस उस समय उसका उसकी उसके उसने उसी उसे एक ओर और कन्ह कर करके करता करते करना करने करि कवि कवित्त कहा का का० कि किया की कृष्ण के लिये के समान के साथ को कोई गई गया गये ग्रा० पाठ १ घ० घर चंद जा जिससे जो तथा तब तुल्य तो था थी थे दिन दिया दिल्ली दी दे० देने दोनों दोहा द्वारा नहीं नाम ने पर पा० पा० १ पुत्र पृथ्वी पृथ्वीराज पृथ्वीराज के प्रा० प्राप्त बर बल बात ब्रह्मा भी मन मानों मुख मुगल में यह या युक्त युद्ध रस राज राजस्थान राजा राम रूप लगा लगी लगे लिया वर वर्णन वह वाला वाले विशेष वीर वीरों वे शब्दार्थः शरीर शिव श्रेष्ठ सब सिर सु सूर्य से सेना स्थान स्वरूप हाथ हाथी ही हुआ हुई हुए हे है हैं हो होकर होने