The Journal of the Bihar Research Society, Volumes 74-75Bihar Research Society, 1988 - Folk-lore |
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... ही माध्यम से सम्भव है । अति प्राचीन काल में भारतवर्ष में शिक्षा का स्वरूप अत्यन्त सुव्यवस्थित और सुनियोजित था । इसके अन्तर्गत ...
... ही माध्यम से सम्भव है । अति प्राचीन काल में भारतवर्ष में शिक्षा का स्वरूप अत्यन्त सुव्यवस्थित और सुनियोजित था । इसके अन्तर्गत ...
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... ही सुरक्षित समझा जाता था । उनका आश्रम इतना पवित्र था कि वहाँ मिथ्यावादी , क्रूर या सठ नहीं जा सकते थे । परस्पर विरोधी जीव भी उस ...
... ही सुरक्षित समझा जाता था । उनका आश्रम इतना पवित्र था कि वहाँ मिथ्यावादी , क्रूर या सठ नहीं जा सकते थे । परस्पर विरोधी जीव भी उस ...
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... ही थे । 1 शिक्षा की कोई निश्चित अवधि या देश काल की सीमा नहीं प्रतीत होती । विश्वामित्र राम और लक्ष्मण को अपने आश्रम की रक्षा के लिए ...
... ही थे । 1 शिक्षा की कोई निश्चित अवधि या देश काल की सीमा नहीं प्रतीत होती । विश्वामित्र राम और लक्ष्मण को अपने आश्रम की रक्षा के लिए ...
Contents
A Survey | 95 |
Purohita Corporations of Early Medieval Kashmir | 105 |
Vidyapati as an Astronomer | 114 |
18 other sections not shown
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Common terms and phrases
Ahom Amatyas Ansari anuṣṭup Arthasastra Bahroz Banaras Bengal Bhagalpur bhakti Bihar Brāhmaṇas British Buddha Buddhist Buranji Calcutta century A. D. Chotanagpur chronicles Communal Award Congress Council Darbhanga dated Delhi demands depressed classes Dipavamsa emigrants Emperor English Fasli favour feudal firman French Indian Ports Gandhi Gandhiji Government Gupta Harsha Hindu History Hsuan-tsang Ibid India India Momin Conference inscription Kautilya Khan Kharagpur king kisan sabha Kumbhāṇḍa labour large number leaders Magadha Maharaja medieval Mithila Momin community Momin Conference Mongkut Mughal Muslim League Nāgas Nawab organisation Orissa Palibothra panas Patna period political provincial Qadir Raja Rajendra Prasad reign religious revenue salary sealings seats servants Singh Tilak trade triṣṭubh verses Vidyapati Yakṣa Zamindars अपने अर्थ आश्रम और करने कहा का उल्लेख कि किया की के के लिए को गया गुरु जो तथा था थे ने पाठ पृ० भी में यह राजा राम रामायण वर्णरत्नाकर वाले शिक्षा से ही है हो