सबलाएं: Sablaye

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Book Bazooka Publication, Nov 22, 2021 - Poetry - 83 pages
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कवयित्री मालती देवी की कविताएँ मुझे भी पढ़ने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। आपकी रचनाधर्मिता शुभ संस्कार एवं बेटियों, महिलाओं के सशक्तीकरण एवं अंतर्निहित शक्तियों को प्रस्फुटित एवं उपलब्धि प्राप्त महिलाओं के सम्मान में हैं। आपकी कविताएँ बहुआयामी शुभ संदेश देने एवं ऊर्जा को संचारित करने वाली है। मुझे आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास है कि मालती देवी की कविताओं का व्यापक प्रभाव हमारे समाज पर पड़ेगा मैं इनकी पुस्तक "सबलाएं" शीर्षक के माध्यम से संदेश देकर मालती देवी का सम्मान करते हुए उनके काव्य जगत में उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हैं ।

डॉ रंजना वर्मा

लाला लाजपत राय मेडिकल कॉलेज,

मेरठ (उत्तर प्रदेश)|

 

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Contents

Section 1
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Section 2
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Section 3
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Section 4
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Section 5
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Section 6
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Section 7
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Copyright

Common terms and phrases

अपनी अपने अब अमर आज आदि आयोजन इनकी इस अवसर पर उपस्थित ऊर्जा एक एवं और कदम कभी कर करके करता करती करते हुए करने करें करो कवयित्री मालती देवी कविता कविताओं कहा का कार्य कार्यक्रम में कि किया गया कुमार के लिए के साथ को गई घर जगत जन जयंती जागरूकता जिला जी जीवन जो तक तथा तुम तो था थी थे दिन दिया दिवस देकर देवी की देश द्वारा नहीं ना नारी पटेल पढ़ने पुस्तक पूर्व माध्यमिक विद्यालय प्रदेश प्रसाद प्राप्त बच्चों बन बनकर बात बेटा बेटियों बेटी भारत भी मन महिला महिलाओं महोली माध्यम से माध्यमिक विद्यालय नरहरा मालती देवी ने मुझे मैं यह रहे लोग लोगों वर्मा वर्मा ने वाली विश्व शक्ति शिक्षा शिक्षिका शुभ श्री श्रीमती मालती देवी संदेश सदा सब सभी समाज के सम्मान सिंह सिंह ने सीतापुर से स्वरचित हम ही हुआ हूँ है हैं हो होता SIGFA Solutions SIGFA Solutions SIGFA Solutions

About the author (2021)

मेरा जन्म सीतापुर जनपद के पिछड़े गांव जल्लापुर में सन 1979 में हुआ और मैंने ग्रामीण परिवेश में बचपन पूरा बिताया।मेरी प्रारंभिक शिक्षा ग्रामीण अंचल के प्रा.पा. कोटरा ब्लाक पिसावां जनपद सीतापुर में संपन्न हुई । प्रारंभिक शिक्षा की प्राप्ति के उपरांत हाईस्कूल की शिक्षा के लिए कृषक इंटर कॉलेज महोली में वर्ष 1991 में नियमित विद्यार्थी के रूप में प्रवेश लिया और 1993 में हाईस्कूल परीक्षा द्वितीय श्रेणी में उत्तीर्ण कर जल्लापुर की प्रथम हाईस्कूल उत्तीर्ण बेटी का गौरव प्राप्त किया। इंटरमीडिएट की पढ़ाई के लिए मैं जनपद बलरामपुर गई और बलरामपुर बालिका इंटर कॉलेज में प्रवेश पाकर 1995 में इंटर परीक्षा द्वितीय श्रेणी में उत्तीर्ण हुई। स्नातक की शिक्षा के लिए बलरामपुर छोड़कर स्वतंत्रता आन्दोलन के शहीदों के नगर शाहजहांपुर के आर्य महिला महाविद्यालय में बी.ए. में प्रवेश लेकर स्नातक की पढ़ाई शुरू की। अध्ययन के दौरान मेरी अनुरक्ति सांस्कृतिक कार्यक्रमों में बढ़ने लगी। वर्ष 1998 में बी.ए.की उपाधि महात्मा ज्योतिबा फुले रुहेलखंड विश्वविद्यालय बरेली से प्राप्त कर अपने ग्रामीण क्षेत्र की प्रथम ग्रेजुएट छात्रा के रूप में मेरा नाम दर्ज हुआ। परास्नातक शिक्षा के लिए मुझे उत्तर प्रदेश के अंतिम छोर पर स्थित शहर मुजफ्फरनगर जाना पड़ा जहां मैंने डी.ए.वी. पी. जी.कॉलेज में समाजशास्त्र में प्रवेश लिया और अध्ययन के दौरान ही समाचार पत्रों में लेख लिखना प्रारंभ कर दिया । मेरे लेख एवं कविताओं से प्रभावित होकर मुजफ्फरनगर के तत्कालीन जिलाधिकारी श्री दिनेश चंद्र मिश्र द्वारा जल प्रदूषण गीत पर मुझे पुरस्कृत किया गया। जिलाधिकारी मुजफ्फरनगर के उत्साहवर्धन के परिणाम स्वरूप मेरी लेखनी की धारा को बल मिला और नियमित रूप से कविताएं लिखना जारी रखा।वर्ष 2000 मैं परास्नातक शिक्षा प्राप्त करने के उपरांत में पुनः अपने गृह जनपद सीतापुर आ गई । अध्ययन अध्यापन में रुचि बढ़ने के कारण मैंने हिंदू कन्या महाविद्यालय सीतापुर में बी.एड. की कक्षा में प्रवेश ले लिया और छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय कानपुर से बी.एड. की परीक्षा प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की । बी.एड. की शिक्षा प्राप्त करने के उपरांत बी.टी.सी. की ट्रेनिंग करने की इच्छा बलवती होने के कारण जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान खैराबाद सीतापुर में प्रवेश लिया और बीटीसी की परीक्षा में मेरिट में मुझे स्थान प्राप्त हुआ। बचपन में माता जी एवं दादी जी से लोकगीत सुनती रहती थी, जिसका प्रभाव मेरे दिलो-दिमाग की गहराई तक पहुंचा। लोकगीतों के में कारगिल युद्ध के समय वीर रस की काव्य रचना की धारा प्रस्फुटित हुई। कविताओं में लोकगीतों, मुहावरों, कहावतों का प्रयोग मेरी अपनी एक विशेष शैली रही है । मुझे काव्य रचना की प्रेरणा मेरे परम पूज्य पिताजी स्वर्गीय यदुनंदन प्रसाद वर्मा एवं शिक्षक श्री राजेंद्र प्रसाद मिश्र एवं तत्कालीन जिलाधिकारी सीतापुर श्री अखिलेश तिवारी ,पुलिस अधीक्षक श्री एल.आर. कुमार एवं विद्वान जिला जज डा.अजय कृष्ण विश्वेश जी से प्राप्त हुई। भविष्य में विद्वत जनों का आशीर्वाद एवं उत्साहवर्धन मुझे प्राप्त होता रहेगा और मैं समाज विशेषकर बेटियों एवं महिलाओं के सर्वांगीण विकास के लिए अपना लेखन कार्य जारी रखूंगी, ऐसा मेरा विश्वास है। 

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