Saudaryashastra Ke Tatva

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Rajkamal Prakashan
 

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Contents

Section 1
7
Section 2
11
Section 3
27
Section 4
64
Section 5
89
Section 6
91
Section 7
92
Section 8
93
Section 12
172
Section 13
172
Section 14
217
Section 15
249
Section 16
263
Section 17
274
Section 18
283
Section 19
286

Section 9
98
Section 10
129
Section 11
155
Section 20
291
Section 21
297
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Common terms and phrases

अतः अथवा अधिक अध्ययन अनेक अन्य अपनी अपने अभिनवगुप्त अभिव्यक्ति अर्थ अर्थात् आधार इन इन्होंने इस इस तरह इस प्रकार इसलिए इसी उस एक ऑव कर करता है करते हैं करने कला कलाओं कलाकार कल्पना और कल्पना के कवि कविता कहा का काव्य काव्यशास्त्र किन्तु किया है किसी की दृष्टि से कुछ के कारण के द्वारा के बीच के लिए के साथ केवल कॉलरिज को कोई क्योंकि चित्र चित्रकला जाता है जैसे जो ज्ञान तक तथा तात्त्विक तो दिया दो दोनों नहीं ने पटना पर पृ प्रकार प्रकार के प्रतिभा प्रतीक प्रतीकों प्रत्यक्ष प्रस्तुत फैंसी बहुत बिम्ब बिम्बों भारतीय भाव भी महत्त्व माना में में भी यह है कि या रहता है रहती रूप में ललितकलाओं वस्तु वह विचार विधान विवेचन विशेष व्यक्ति शक्ति शब्द शुक्लजी संगीत संस्कृत सकता सकते हैं सभी सम्बन्ध सिद्धान्त सौन्दर्य सौन्दर्यशास्त्र स्पष्ट स्मृति हम हिन्दी ही हुआ है और हो होता है होती होते हैं

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