मेरी पहचान (कविता संग्रह)प्रस्तुत पुस्तक में, मेरे नाना जी द्वारा रचित रचनाएं - कविताओं के रुप में सम्मिलित हैं । इस पुस्तक को प्रकाशित करना हमारे लिए एक अलग ही अनुभव रहा। यह पुस्तक केवल कविताओं से न जुड़कर बल्कि कहीं न कहीं हमारे नाना जी की भावनाओं व उनकी जीवनी के अनुभवों से भी जुड़ी है। हम इस पुस्तक के माध्यम से अपने नाना जी के सुविचारों को और उनके अनुभवों को आप सभी के साथ साझा करना चाहते हैं और लोगों के दिलों में साहित्य के प्रति प्रेम की भावना भी भरना चाहते हैं। । हमें विश्वास है इस पुस्तक में दिए गए उपदेश श्रद्धावान पाठकों के जीवन पथ को प्रकाशमान करने में सहायक सिद्ध होंगे। धन्यवाद - सोनिया वर्मा |
Common terms and phrases
अपना अपनी अपने अब आज इस ईश्वर उनकी ऊर्जा एक और कभी कर करते करना करने करें करो कहीं का काम काल किया किसी की कुछ कृष्ण के केवल को कोई कोरोना क्षेत्र गई गया गये घर चाहे जनता जब जाता जाती जाते जाना जी जीवन जो ज्ञान तक तुम तो था थी थे दिन दिया दिल दूर देकर देख देते देश दो द्वार नही नहीं नहीं कोई ना नाम नारी ने नेता पत्नी पर पानी पास प्यार प्रेम बड़ा बड़ी बदल बन बहुत बिन भारत भी मन मार्ग मिलने मिला मिले मुझे मृत्यु में मेरी मेरे मैं यदि यह यही या रहते रहा रही रहे राम रूप ले लेकर लो वर्मा विश्व शक्ति शब्द शिक्षा श्री श्रीमती सदा सब सबको सभी समय सरकार सुदामा से सेवा सोच हम हमें हर हाथ ही हुआ हुई हुए हेतु है हैं हो हों होता होती होते office Verma