Manovigyan, Shiksha Tatha Anya Samajik Vigyano Main Anusandhan VidhiyanMotilal Banarsidass Publishe, 2008 - 549 pages |
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Manovigyan, Shiksha Tatha Anya Samajik Vigyano Main Anusandhan Vidhiyan Ramji Shrivastav No preview available - 2008 |
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अथवा अधिक अनुसंधान अनुसंधानकर्ता अनेक अन्तर अपने अभिकल्प आदि इन इस प्रकार इस विधि इसके इसमें उत्तरदाता उद्दीपक उपकल्पना उस एक एवं ऐसे कम कर करके करता है करते हैं करना करने के लिए कहते कहा का अध्ययन का प्रयोग किया किया गया किया जा सकता किया जाता है किसी की कुछ के अनुसार के आधार पर के द्वारा के बारे में के रूप में को क्योंकि क्षेत्र जनसंख्या जब जा सकता है जाती जाने जो ज्ञात तथा तो त्रुटि दो दोनों नहीं ने परिकल्पना परिणाम परिवर्त्य परीक्षण प्रखण्ड प्रतिदर्श प्रत्येक प्रदत्त प्रभाव प्रयोग किया जाता प्रयोज्य प्रसरण प्रस्तुत प्राप्त प्राप्तांकों प्रायोगिक भी मनोवैज्ञानिक मापन मापनी मूल्य यदि यह या रूप से वर्ग वह वाले विधि के विश्लेषण विश्वसनीयता वैधता व्यक्ति व्यवहार समय समस्या समूह समूहों सांख्यिकी साक्षात्कार सामाजिक से स्तर स्वतन्त्र हम ही है और है कि है तो हो होगा होता है होती होते हैं होने Research