Bhartiya Bhashon Mein Ramkatha (Gujrati Bhasha)Yogendra Pratāpa Siṃha, Tribhuvana Rāya Contributed articles on the story of Rāma, Hindu deity, in Gujarati poetry. |
Contents
Section 1 | 7 |
Section 2 | 11 |
Section 3 | 17 |
Section 4 | 19 |
Section 5 | 21 |
Section 6 | 35 |
Section 7 | 39 |
Section 8 | 43 |
Section 20 | 123 |
Section 21 | 126 |
Section 22 | 140 |
Section 23 | 145 |
Section 24 | 149 |
Section 25 | 153 |
Section 26 | 156 |
Section 27 | 173 |
Section 9 | 49 |
Section 10 | 53 |
Section 11 | 56 |
Section 12 | 68 |
Section 13 | 72 |
Section 14 | 75 |
Section 15 | 81 |
Section 16 | 89 |
Section 17 | 99 |
Section 18 | 103 |
Section 19 | 117 |
Section 28 | 178 |
Section 29 | 187 |
Section 30 | 197 |
Section 31 | 203 |
Section 32 | 211 |
Section 33 | 218 |
Section 34 | 225 |
Section 35 | 235 |
Section 36 | 240 |
Section 37 | 244 |
Section 38 | 250 |
Other editions - View all
Bhartiya Bhashaon Mein Ramkatha(Awdhi Bhasha) योगेन्द्र प्रताप सिंह,सूर्यप्रसाद दीक्षित Limited preview - 2015 |
Bhartiya Bhashaon Mein Ramkatha(Bangla bhasha) Yogendra Pratāpa Siṃha,Hariścandra Miśra Limited preview - 2015 |
Common terms and phrases
अपनी अपने अयोध्या आदि इस उनकी उनके उन्हें उन्होंने उस उसकी उसके उसे एक एवं ऐसा ओर और कर करके करता है करती करते हुए करते हैं करने के कहते कहा का काव्य किया है किसी की की कथा कुछ कुम्भकर्ण के कारण के पास के रूप में के लिए के साथ कैकेयी को कोई कौशल्या गयी गये गुजराती जटायु जाता है जाते हैं जी जीवन जैसे जो तक तथा तब तरह तुलसीदास तो था थी थे दशरथ दिया दो दोनों द्वारा नहीं नहीं है नाटक नाम ने पर परन्तु प्रसंग प्रस्तुत प्राप्त फिर बात बापू भरत भी मन मन्थरा मन्दोदरी में राम मैं यह यहाँ युद्ध रचना रहे राजा राम के रामकथा रामचरितमानस रामायण रावण रावण के लंका लक्ष्मण ले लेकर वन वर्णन वह वाल्मीकि विभीषण वे श्री संवाद सकता सभी समय सीता सीता को से हनुमान ही हुई है और है कि हो होता है होती होने