Bhartiya Bhashon Mein Ramkatha (Gujrati Bhasha)

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Yogendra Pratāpa Siṃha, Tribhuvana Rāya
Vani Prakashan, 2015 - Gujarati poetry - 251 pages
Contributed articles on the story of Rāma, Hindu deity, in Gujarati poetry.
 

Selected pages

Contents

Section 1
7
Section 2
11
Section 3
17
Section 4
19
Section 5
21
Section 6
35
Section 7
39
Section 8
43
Section 20
123
Section 21
126
Section 22
140
Section 23
145
Section 24
149
Section 25
153
Section 26
156
Section 27
173

Section 9
49
Section 10
53
Section 11
56
Section 12
68
Section 13
72
Section 14
75
Section 15
81
Section 16
89
Section 17
99
Section 18
103
Section 19
117
Section 28
178
Section 29
187
Section 30
197
Section 31
203
Section 32
211
Section 33
218
Section 34
225
Section 35
235
Section 36
240
Section 37
244
Section 38
250

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Common terms and phrases

अपनी अपने अयोध्या आदि इस उनकी उनके उन्हें उन्होंने उस उसकी उसके उसे एक एवं ऐसा ओर और कर करके करता है करती करते हुए करते हैं करने के कहते कहा का काव्य किया है किसी की की कथा कुछ कुम्भकर्ण के कारण के पास के रूप में के लिए के साथ कैकेयी को कोई कौशल्या गयी गये गुजराती जटायु जाता है जाते हैं जी जीवन जैसे जो तक तथा तब तरह तुलसीदास तो था थी थे दशरथ दिया दो दोनों द्वारा नहीं नहीं है नाटक नाम ने पर परन्तु प्रसंग प्रस्तुत प्राप्त फिर बात बापू भरत भी मन मन्थरा मन्दोदरी में राम मैं यह यहाँ युद्ध रचना रहे राजा राम के रामकथा रामचरितमानस रामायण रावण रावण के लंका लक्ष्मण ले लेकर वन वर्णन वह वाल्मीकि विभीषण वे श्री संवाद सकता सभी समय सीता सीता को से हनुमान ही हुई है और है कि हो होता है होती होने

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