Brihad Anuvad ChandrikaBrihad-Anuvad-Chandrika: Anuvad-Vyakaran-Nibandhadivishay-Sanvalita. |
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१० ११ १२ १५ १६ अतः अथवा अनुवाद अपने अर्थ में आदि इस इसी प्रकार उ० उस एक एवं और कर करना करने करो कर्म का का प्रयोग कि किन्तु किया किसी की कुछ के अर्थ के बाद के रूप के लिए के साथ को कोई क्या क्रिया गया च० चाहिए जब जैसे जो तथा तब तृ० ते था दो दोनों द्वि० धातु नहीं नाम ने पं० पर परस्मैपदी पुरुष पूर्व प्र० प्रत्यय प्रत्यय लगता है प्रथम बहुत भी म० मित्र में मैं यथा यदि यह यहाँ या ये रघु राजा राम लङ लट् लिट् लुङ लुट् लृट् लोट् वह वा विधिलिङ विशेषण वे व्याकरण शब्द शब्दों के श्रादि स० समास संस्कृत सूत्र सूर्य से स्वर हि ही हुआ हुए हे है और हो हो जाता है हो तो होगा होता है होती होते हैं होना